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इनकम टैक्स रिटर्न भरने से पहले चेक कर लें अपना एआईएस, गलती हुई तो ठीक करने का मिलेगा मौका

आईटीआर से जुड़े ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर अपने एआईएस को देखा जा सकता है। अब एआईएस में दिखाए गए विवरण पर रियल टाइम फीडबैक भी दे सकेंगे। वह फीडबैक उसी समय उस सोर्स के पास चला जाएगा जहां से इनकम टैक्स विभाग ने वह जानकारी ली है। फिर उस सोर्स ने क्या जवाब दिया है इसकी जानकारी भी आयकरदाता को मिल जाएगी।

By Jagran News Edited By: Yogesh Singh Updated: Sun, 19 May 2024 08:45 PM (IST)
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इनकम टैक्स रिटर्न भरने से पहले ऐसे चेक करें AIS
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) भरने से पहले अपना वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) जरूर चेक कर लें। उस विवरण में कोई गलती है तो इनकम टैक्स विभाग को अपना फीडबैक भी दे ताकि उस गलती को विभाग सुधार सके। अभी एआईएस में रियल टाइम फीडबैक देने की सुविधा नहीं है।

पहली बार इनकम टैक्स विभाग की तरफ से यह सुविधा शुरू की गई है। एआईएस में साल भर के दौरान किए गए वैसे सभी वित्तीय लेन-देन का पूरा विवरण होता है जिस पर टैक्स लिया जा सकता है।

ई-फाइलिंग पोर्टल पर देख सकते हैं AIS

आईटीआर से जुड़े ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर अपने एआईएस को देखा जा सकता है। अब एआईएस में दिखाए गए विवरण पर रियल टाइम फीडबैक भी दे सकेंगे। वह फीडबैक उसी समय उस सोर्स के पास चला जाएगा जहां से इनकम टैक्स विभाग ने वह जानकारी ली है। फिर उस सोर्स ने क्या जवाब दिया है, इसकी जानकारी भी आयकरदाता को मिल जाएगी।

जानकारी में बदलाव की जरूरत है तो एआईएस में संशोधन कर दिया जाएगा। टैक्स विशेषज्ञों ने बताया कि नौकरी करने वाला एक आदमी म्युचुअल फंड, शेयर बाजार, एलआईसी जैसी कई जगहों पर निवेश करता है और खरीद-फरोख्त करता है। म्युचुअल फंड कंपनी, शेयर बाजार जैसे माध्यम इनकम टैक्स विभाग को हमारी खरीद-फरोख्त की जानकारी देते हैं। लेकिन इसमें गलती भी हो सकती है।

मान लीजिए किसी व्यक्ति ने 60,000 रुपए मूल्य के शेयर बेचे, लेकिन एआईएस में यह दिखा रहा है कि उसने एक लाख रुपए के शेयर बेचा है। इस जानकारी पर वह अपना फीडबैक देगा जो शेयर कंपनी के पास चला जाएगा और अगर वह कंपनी यह फीडबैंक देता है कि हां, उस व्यक्ति ने एक लाख रुपए का नहीं, 60,000 रुपए मूल्य का शेयर बेचा है तो इनकम टैक्स विभाग एआईएस में संशोधन कर देगा। अगर वह इस फीडबैक को अस्वीकार कर देता है तो एआईएस में कोई बदलाव नहीं होगा।

चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) और टैक्स एक्सपर्ट एम.के. गुप्ता ने बताया कि इसका फायदा यह होगा कि लोग बिल्कुल सही आईटीआर भर सकेंगे। अभी अगर एआईएस में गलत सूचना भी होती है तो लोग उसे सही मानकर टैक्स भर देते हैं। इस सुविधा से पारदर्शिता बढ़ेगी और अनुपालन आसान हो जाएगा। एआईएस के विवरण पर फीडबैक देने के बाद सोर्स की तरफ दी गई प्रतिक्रिया की तारीख तक की जानकारी आयकरदाता को मिलेगी।

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