Move to Jagran APP

भारत की GDP को लेकर क्या है मुख्य आर्थिक सलाहकार की राय, किस सेक्टर को कितना मिलेगा लाभ

India GDP भारत में कल शाम FY23 की तिमाही के नतीजों का एलान हुआ था। इस बार भारत की जीडीपी को लेकर कई अनुमान किये गए थे। आइए जानते हैं कि भारत की जीडीपी को लेकर मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने क्या कहा?

By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Thu, 01 Jun 2023 08:59 AM (IST)
Hero Image
भारत की GDP को लेकर क्या कहते हैं मुख्य आर्थिक सलाहकार
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कल भारतीय संख्यिकी विभाग ने FY23 की तिमाही के नतीजों का एलान किया था। इस बार भारत की जीडीपी अपेक्षा से अधिक आई है। भारत की जीडीपी को लेकर मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने भारत की आर्थिक ग्रोथ चालू वित्त वर्ष में 6.5 फीसदी से अधिक का अनुमान जाताया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि इस साल भी देश ठोस आर्थिक प्रदर्शन कर सकता है।

मार्च तिमाही के नतीजे

2022-23 की जारी हुई जीडीपी ग्रोथ विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के विकास अनुमानों की तुलना में ज्यादा है। ये भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत लचीलेपन को दर्शाता है। 2022-23 की जनवरी-मार्च तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था में 6.1 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसमें कृषि, विनिर्माण, खनन और निर्माण क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन के कारण वार्षिक विकास दर 7.2 फीसदी हो गई।

इस साल कितना घट सकता है राजकोषीय घाटा?

अनंत नागेश्वरन ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष और मार्च 2023 को समाप्त तिमाही में भी भारत की अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से बढ़ती रही थी। इस साल निजी उपभोग और पूंजी निर्माण में निरंतर वृद्धि हुई थी। नागेश्वरन ने अनुमान किया था कि 6.5 फीसदी जीडीपी जोखिम संतुलित है और चालू वित्त वर्ष में इसके बेहतर प्रदर्शन करने की अच्छी संभावना भी बनी हुई है।

उद्योग, सेवाओं, बाहरी क्षेत्र, राजकोषीय और लोन वृद्धि के लिए उच्च आवृत्ति संकेत है। जो अर्थव्यवस्था में गति बनाए रखने की ओर इशारा कर रहे हैं। ऐसे में विकास की संभावनाएं उज्ज्वल दिखाई दे रही है।भारतीय रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार बाहरी कारक भू-राजनीतिक स्थिति, तेल उत्पादन और कुछ विकसित देशों में और अधिक मौद्रिक तंगी की संभावना के कारण नकारात्मक जोखिम पैदा हो सकते हैं।

उनका कहना है कि मार्च के वित्तीय आंकड़ों से संकेत मिलता है कि कॉरपोरेट सेक्टर में पूंजी निर्माण शुरू हो रहा है।

चौथी तिमाही का प्रमुख चालक कौन है

सकल स्थिर पूंजी निर्माण (GFCF) 2022-23 की चौथी तिमाही में विकास का एक प्रमुख चालक रहा है। इसका 2022-23 की चौथी तिमाही में 10 साल के उच्च स्तर 35.3 फीसदी पर रही।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले हफ्ते कहा था कि 2022-23 के लिए विकास दर 7 फीसदी के अनुमान से अधिक रहने की उम्मीद है। फरवरी में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, अर्थव्यवस्था के 2022-23 में 7 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 8.7 फीसदी थी।

किस सेक्टर में दिख सकते हैं सुधार

भारत की जीडीपी में वृद्धि प्रमुख फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) मजदूरी दर में वृद्धि से ग्रामीण परिवारों की वित्तीय सुरक्षा में और सुधार होने की उम्मीद है।