China Economic Slowdown: अर्थव्यवस्था में मंदी को टालने की कोशिश, चीन ने 3 महीने में दूसरी बार घटाई ब्याज दरें
China Economic Slowdown चीन की ओर से अर्थव्यवस्था में मंदी को टालने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इस कारण अगस्त में एक बार फिर चीनी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दर को कम किया गया है। इससे पहले जून में पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने ब्याज दर में कटौती की थी। कोरोना के बाद से चीनी अर्थव्यवस्था संघर्ष कर रही है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। चीन के केंद्रीय बैंक की ओर से सोमवार को कोरोना के बाद अर्थव्यवस्था में आए धीमेपन से निपटने के लिए ब्याज दरों में कटौती का एलान किया है। पिछले तीन महीनों में दूसरी बार है, जब चीनी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती का एलान किया गया है।
पीपल्स बैंक ऑफ चाइना (People's Bank of China (PBoC)) द्वारा बयान जारी कर कहा गया कि एक साल के प्राइम रेट को 3.55 प्रतिशत से घटाकर 3.45 प्रतिशत कर दिया गया है। एक साल के प्राइम रेट का उपयोग कॉरपोरेट लोन के लिए किया जाता है। वहीं, पांच साल के एलपीआर को 4.2 प्रतिशत कर दिया गया है। इसका उपयोग सिक्योर्ड लोन देने के लिए किया जाता है।
निचले स्तर पहुंची ब्याज दरगह
चीनी केंद्रीय बैंक की ओर से की गई इस कटौती के बाद ब्याज दर ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर पहुंच गई है। इससे पहले जून में पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने एक साल के लोन की प्राइम रेट को 10 आधार अंक घटाकर 3.55 प्रतिशत कर दिया गया था। वहीं, पांच साल की प्राइम रेट को 4.3 प्रतिशत से घटाकर 4.2 प्रतिशत कर दिया गया था।
क्यों ब्याज दर कम कर रहा चीन?
चीन की कोशिश ब्याज दरों में कमी करके बैंकों को अधिक लोन देने के लिए प्रोत्साहित करना है। जिससे कि कम इंटरेस्ट रेट पर अधिक लोग लोन ले सके और अर्थव्यवस्था में तेजी लाई जा सके।
इसके अलावा चीन के इस कदम को दूसरे देशों से इन्वेस्टमेंट आकर्षित करने के कदम के रूप में देखा जा रहा है। क्योंकि पश्चिमी देश महंगाई को काबू में करने के लिए ब्याज दरों को लगातार बढ़ा रहे हैं। ऐसे में चीन ब्याज दरों को कम करके अर्थव्यवस्था को धीमेपन से निकालने की कोशिश कर रहा है।
कोरोना से चीन की अर्थव्यवस्था को नुकसान
कोरोना के कारण लंबा लॉकडाउन लगाने के कारण चीनी अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ था। इसके कारण चीन की ग्रोथ रेट में बड़ी गिरावट आई थी।