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आयात से ही बढ़ रहा देश का कुल निर्यात, इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं के इम्पोर्ट में चीन की हिस्सेदारी सबसे अधिक

वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं का आयात बड़ी मात्रा में हो रहा है लेकिन हमें यह भी देखना चाहिए कि इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम सेवा सेक्टर से जुड़े आईटी व आईटीईएस निर्यात के लिए इन्फ्रॉस्ट्रक्चर का काम करता है।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Fri, 14 Apr 2023 11:25 PM (IST)
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आयात से ही बढ़ रहा देश का कुल निर्यात

नई दिल्ली, राजीव कुमार। इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं का आयात सेवा सेक्टर के निर्यात में बड़ी भूमिका निभा रहा है। 77 अरब डालर के आयात से 150 अरब डालर के निर्यात में मदद मिल रही है। गत वित्त वर्ष 2022-23 में इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं का आयात 77.2 अरब डालर रहा, जो वित्त वर्ष 2021-22 के मुकाबले 4.87 प्रतिशत अधिक है।

वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं का आयात बड़ी मात्रा में हो रहा है, लेकिन हमें यह भी देखना चाहिए कि इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम सेवा सेक्टर से जुड़े आईटी व आईटीईएस निर्यात के लिए इन्फ्रॉस्ट्रक्चर का काम करता है।

उन्होंने कहा कि सेवा सेक्टर के निर्यात में आईटी और आइटीईएस की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक की है। वित्त वर्ष 2022-23 में सेवा निर्यात 322 अरब डालर का रहा और इस हिसाब से आइटी व आइटीईएस का निर्यात 160 अरब डालर से अधिक का है।

वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, अगर गुणवत्ता वाले लैपटाप, डेस्कटाप जैसे इलेक्ट्रानिक्स उत्पाद उपलब्ध नहीं होंगे तो भारत से आइटी सेवा का निर्यात संभव नहीं हो पाएगा जो लगातार बढ़ रहा है। इलेक्ट्रानिक्स वस्तुओं के आयात में चीन की हिस्सेदारी सबसे अधिक है। हालांकि, लैपटाप और गैजेट बनाने वाली अधिकतर अच्छी कंपनियां चीन में उत्पादन करती हैं, इसलिए चीन से ही इन वस्तुओं का आयात किया जा सकता है।

लैपटाप और रंगीन टीवी जैसे कई इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं का घरेलू स्तर पर बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम की घोषणा की गई है और अगले एक-दो साल में घरेलू स्तर पर लैपटाप, टीवी जैसी कई इलेक्ट्रानिक्स वस्तुओं का उत्पादन शुरू हो जाएगा।

2022-23 में इलेक्ट्रानिक्स वस्तुओं का निर्यात 23.56 अरब डालर रहा

पीएलआई स्कीम की मदद से मोबाइल फोन का निर्यात 11 अरब डालर के पार चला गया है। हालांकि अभी मुख्य रूप से एपल और सैमसंग जैसी कंपनियां ही मोबाइल फोन का निर्यात कर रही हैं। भारत में फोन बनाने वाली चीनी कंपनियां भी अब मोबाइल फोन का निर्यात शुरू करने जा रही है। वित्त वर्ष 2022-23 में इलेक्ट्रानिक्स वस्तुओं का निर्यात 23.56 अरब डालर रहा। निर्यात में वित्त वर्ष 2021-22 के मुकाबले 50 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी रही।

पीएचडी चैंबर टेलीकाम कमेटी के चेयरमैन संदीप अग्रवाल ने कहा कि अब भी मोबाइल फोन का ग्लास, चार्जर, बैट्री जैसे आइटम या तो आयात किए जा रहे हैं या फिर उनके निर्माण के लिए अधिकतर कंपोनेंट्स आयात हो रहे हैं। पूरी तरह से इन सभी आइटम के साथ जब चिप का निर्माण भारत में होने लगेगा तभी इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं के आयात में कमी आएगी। वित्त वर्ष 2025-26 तक सिर्फ मोबाइल फोन के निर्यात को 50 अरब डालर तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।