कही-सुनी बातों पर न करें भरोसा, असल में इस आधार पर तय होता है आपका Cibil Score
Cibil Score किसी भी बैंक द्वारा लोन देने के लिए सिबिल स्कोर को देखा जाता है। पर इससे जुड़ी कुछ ऐसी भी बाते हैं जिसे लोग सही मानते हैं। हालांकि ये बातें पूरी तरह से सच नहीं है। तो चलिए सिबिल स्कोर से जुड़ी इन बातों को जानते हैं।
By Sonali SinghEdited By: Updated: Mon, 19 Dec 2022 07:30 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आपने अक्सर सुना होगा कि लोन लेते समय सबसे जरूरी बातों में से एक होता है Cibil Score का अच्छा होना। नया लोन लेने से पहले अगर अपने कोई और लोन पहले से ले रखा है तो उसके क्रेडिट का इतिहास सिबिल स्कोर पर टिका होता है। यह स्कोर जितना अच्छा होगा, लोन मिलने के चांस उतने अधिक होंगे। वहीं, यह उधारकर्ता की विश्वसनीयता को परखने के लिए अच्छा माध्यम है कि उधारकर्ता लिए गए लोन की किस्त चुका पाएगा या नहीं।
हालांकि, सिबिल स्कोर को लेकर अभी भी लोगों में मन में काफी भ्रम है और बहुत-सी ऐसी बातें हैं जिसे लोग सच मानते आए हैं। तो चलिए जानते हैं कि सिबिल स्कोर से जुड़ी ऐसी कौन-सी बातें हैं जो सच नहीं है, लेकिन लोग उनको सही समझते हैं।
कम सिबिल स्कोर होने पर नहीं मिलेगा लोन
अक्सर लोग ऐसा मानते हैं कि कम Cibil Score होने पर बैंक या लोन देने वाली संस्थान इसे देने से मना कर देती हैं, यानी कि कम स्कोर होने पर लोन नहीं मिलेगा। पर यह पूरी तरह से सच नहीं है। बहुत से ऐसे बैंक हैं जो लो सिबिल स्कोर वाले लेनदार को भी लोन देते हैं। हालांकि, इसके लिए वे ज्यादा ब्याज दर वसूलते हैं। वहीं, कुछ बैंक केवल अच्छे स्कोर वालों को ही लोन देते हैं। इसलिए कम सिबिल स्कोर के होने पर चिंता करने के बजाए उन बैंकों को खोजना चाहिए जो कम स्कोर पर भी लोन देते हैं।
चेक बाउंस होने पर बिगड़ सकता स्कोर
चेक बाउंस होने के बहुत-से कारण हो सकते हैं। कई बार व्यक्ति की गलती की वजह से चेक बाउंस होते हैं, तो बहुत बार बैंक की गलती या तकनीकी वजह से भी इसके बाउंस होने के किस्से सामने आते हैं। इसके साथ Cibil Score का कोई लेना-देना नहीं होता है और न ही इसका असर आपके स्कोर पर पड़ता है। सिबिल स्कोर EMI के नहीं देने या लोन की किस्त भरने से चूक जाने की वजह से अधिक खराब होता है।क्रेडिट कार्ड का कम इस्तेमाल यानी अच्छा Cibil Score
अगर आप यह सोचते हैं कि क्रेडिट कार्ड होने के बावजूद इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, तो आपको बता दें कि इसका का भी सिबिल स्कोर से कोई नाता नहीं है। इसके उलट, अगर क्रेडिट कार्ड से कोई भी राशि नहीं निकाली गई है तो कोई क्रेडिट इतिहास भी नहीं होगा। इससे बैंक को यह समझने में मुश्किल हो सकती है कि आप अच्छे लेनदार हैं या नहीं और इस आधार पर लोन का आवेदन रिजेक्ट हो सकता है।सिबिल डिफॉल्टर्स का नाम सेव करता है
सिबिल एक तरह का डॉक्युमेंट है, जिसमें आपके लेन-देन से जुड़े सारे डिटेल्स रहते हैं। इसलिए अगर आप यह सोच रहे हैं कि लोन की कोई किस्त नहीं चुकाने में आपका नाम डिफॉल्टर की लिस्ट में होगा तो ऐसा नहीं है। इसमें सारा डाटा इकट्ठा रहता है। अगर कोई व्यक्ति किश्तों का भुगतान नियमित करता है तो भी उसका नाम सिबिल के साथ होगा।बार-बार सिबिल चेक करना खराब करता है स्कोर
बहुत-से लोगों को ऐसा लगता है कि बार-बार सिबिल स्कोर चेक करने से यह स्कोर को खराब कर सकता है, लेकिन CIBIL रिपोर्ट आवेदक द्वारा की गई CIBIL पूछताछ को नहीं दर्शाती है। इस कारण यह जानना संभव नहीं है कि किसी व्यक्ति ने कितनी बार सिबिल रिपोर्ट के लिए अनुरोध किया है।ये भी पढ़ें- FD Rate Hike: एफडी पर तगड़ा ब्याज दे रहा है ये सरकारी बैंक, केवल इतने दिन में होगी बंपर कमाईइस सरकारी बैंक ने किया ब्याज दरों में बदलाव, Term Deposit सहित इन योजनाओं पर मिलेगा बंपर फायदा