Move to Jagran APP

CIL ने कोयले की स्थिति सामान्य होने तक किसी भी ई-नीलामी पर लगाई रोक

CIL ने अपनी सहायक कंपनियों को स्थिति के सामान्य होने तक बिजली क्षेत्र के लिए विशेष फॉरवर्ड ई-नीलामी को छोड़कर कोयले की कोई और ई-नीलामी करने से मना किया है। घटते कोयला स्टॉक को फिर से भरने के लिए बिजली क्षेत्र में कोयला आपूर्ति को प्राथमिकता दी जा रही है।

By Abhishek PoddarEdited By: Updated: Sat, 16 Oct 2021 07:49 AM (IST)
Hero Image
घटते कोयला स्टॉक को फिर से भरने के लिए बिजली क्षेत्र में कोयला आपूर्ति को प्राथमिकता दी जा रही है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। बिजली पैदा करने वाले प्लांट्स में कम कोयला स्टॉक को देखते हुए, सरकार के मालिकाना हक वाली कोल इंडिया (CIL) ने अपनी सहायक कंपनियों को स्थिति के सामान्य होने तक, बिजली क्षेत्र के लिए विशेष फॉरवर्ड ई-नीलामी को छोड़कर कोयले की कोई और ई-नीलामी करने से मना किया है।

यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि, बिजली संकट की रिपोर्ट के मद्देनजर घटते कोयला स्टॉक को फिर से भरने के लिए बिजली क्षेत्र में कोयले की आपूर्ति को प्राथमिकता दी जा रही है।

कोल इंडिया ने एक पत्र जारी करते हुए यह कहा था कि, पावरहाउस में मौजूदा कम स्टॉक की स्थिति को देखते हुए, घटते स्टॉक को फिर से भरने के लिए बिजली क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति को प्राथमिकता दी जा रही है। अगर कोई कोयला कंपनी बिजली क्षेत्र को प्रभावित किए बिना ई-नीलामी के जरिए किसी भी धीमी गति से चलने वाले स्टॉक की निलामी करना जरूरी समझती है, तो ऐसी किसी भी नीलामी की योजना से पहले उसे कोल इंडिया को उचित कारण बताना होगा।

कोल इंडिया ने कहा कि, बिजली संयंत्रों में कोयले की स्थिति को बनाए रखने के लिए अस्थाई तौर पर यह कदम उठाया गया है। इसका मतलब ई-नीलामी प्रक्रिया को रोकना नहीं है। कोल इंडिया उत्पादन और आपूर्ति को लगातार बढ़ाने की कोशिश कर रही है। जैसे ही कोयला पहले के सामान्य स्तर में पहुंचता है और बिजली संयंत्रों को इसकी लगातार आपूर्ति होने लगती है, वैसे ही अन्य क्षेत्रों को भी कोयला सप्लाई करना शुरू कर दिया जाएगा।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले की बढ़ती कीमतों के कारण घरेलू बाजार में कोयले की मांग काफी तेजी से बढ़ी है। जिस कारण से हाल के दिनों में कई क्षेत्रों में कोयला आपूर्ति बाधित हो रही है। बिजली क्षेत्र के लिए विशेष फॉरवर्ड ई-नीलामी के तहत CIL का कोयला आवंटन चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अगस्त अवधि में 8.4 फीसद बढ़कर 7.94 मिलियन टन (एमटी) दर्ज किया गया।