Exclusive Interview: क्या कम होगा हवाई किराया? नए नागरिक उड्डयन मंत्री बोले- हर मुमकिन कोशिश करेंगे
टीडीपी नेता राम मोहन नायडू पीएम नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल के सबसे युवा सदस्य है। उन्हें नागरिक उड्डयन मंत्रालय का जिम्मा मिला है। नायडू ने दैनिक जागरण को दिए इंटरव्यू में मंत्रालय को लेकर अपनी भावी रणनीति के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही एनडीए सरकार को चलाने को लेकर विभिन्न पार्टियों के बीच तालमेल व स्पीकर पद के चुनाव को लेकर भी अपनी बात रखी।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। टीडीपी नेता और पीएम नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में कैबिनेट के सबसे युवा सदस्य राम मोहन नायडू देश के नये नागरिक उड्डयन मंत्री हैं। मंत्री पद संभालने के बाद अखबार को अपने पहले साक्षात्कार में नायडू ने मंत्रालय को लेकर अपनी भावी रणनीति के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही एनडीए सरकार को चलाने को लेकर विभिन्न पार्टियों के बीच तालमेल व स्पीकर पद के चुनाव को लेकर भी अपनी बात रखी। उनका साफ तौर पर कहना है कि जो एनडीए का एजेंडा है वहीं टीडीपी का भी एजेंडा है।
प्रश्न: कार्यभार संभालने के बाद आपने बढ़ते हवाई किराये को कम करने की बात कही थी। इसे कैसे कर सकेंगे आप?
उत्तर: मैंने इस बारे में अपने मंत्रालय के भीतर विमर्श की शुरुआत कर दी है। इसके अलावा हम सरकार के दूसरे विभागों, विमानन कंपनियों, इस क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ भी विचार करने जा रहे हैं। ताकि हवाई जहाज के बढ़ते किराये को कम किया जा सके।
मैं यह मानता हूं कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने देश के हर आम आदमी के लिए हवाई जहाज की उड़ान उपलब्ध कराने की जो बात कही है, उसके लिए हमें किफायती किराया चाहिए। इसके लिए हम एक समग्र नीति के तहत काम करेंगे व हरसंभव फैसला करेंगे। इसमें कई सारे पहलू होंगे। जैसे टैक्स ढांचे पर भी ध्यान देना होगा, विमानों की उपलब्धता, ढांचागत सुविधा व कुछ तकनीकी समस्याओं का समाधान भी शामिल होगा।
उदाहरण के तौर पर मुझे बताया गया है कि इंडिगो एयरलाइंस के 70 से ज्यादा विमान तकनीकी कारणों से उड़ान नहीं भर पा रहे। यानी जिन रूटों पर ये विमान सेवाएं देते वहां कम विमानों से काम चलाया जा रहा है। वहां मांग ज्यादा है और विमान नहीं है। इस वजह से वहां किराया बढ़ा हुआ है। मुझे पूरा विश्वास है कि हम किराया कम करने में सफल हो सकते हैं।
प्रश्न: आपकी और नीतिगत प्राथमिकता क्या होगी? उत्तर: भारत को एक वैश्विक एविएशन हब के तौर पर स्थापित करना हमारी एक प्रमुख प्राथमिकता होगी। पूर्व केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस पर काम शुरू किया था, जिसे मैं तेजी से आगे बढ़ाना चाहता हूं। भारत के यात्रियों को दुबई, सिंगापुर जा कर दूसरे देशों के लिए विमान पकड़ना पड़ता है। यानी हम कारोबार व रोजगार का बड़ा अवसर दूसरे देशों को दे रहे हैं।
हम भारत में दो वैश्विक एविएशन हब बनाएंगे, एक दिल्ली में और दूसरा दक्षिण भारत के किसी शहर में। दिल्ली को लेकर गहन विमर्श का दौर चल रहा है। एक रिपोर्ट भी तैयार हो रही है। इसके लिए मैंने स्वयं मंत्रालय के भीतर बैठकों की शुरुआत कर दी है। घरेलू व अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से बात कर रहे हैं। हब बनाने की हमारे पास पूरी क्षमता है, सिर्फ एक सही नीति की जरूरत है।हम दिल्ली को अगले दो वर्षों के भीतर एक वैश्विक हब बनाने का सपना पूरा करेंगे। यह क्रमवार तरीके से होगा। आप देखेंगे कि जल्द ही हम दिल्ली स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर फिंगर प्रिंट, पासपोर्ट स्कैन और फेसस्कैन के जरिए बहुत शीघ्रता से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के यात्रियों को माइग्रेशन की सुविधा दे सकेंगे। इसके लिए उन्हें पहले से पंजीयन कराना होगा।
पहले चरण की शुरुआत 22 जून, 2024 को होने जा रहा है। ऐसा अमेरिका में होम लैंड सिक्यूरिटी वाले कर रहे हैं। एक तरह से अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर यात्री को मैन्यूएल तरीके से माइग्रेशन नहीं होगा। हमें भरोसा है कि इससे काफी कम समय लगेगा। इस तरह की कई सेवाओं की हम शुरूआत करेंगे ताकि दिल्ली को एक एविएशन हब के तौर पर स्थापित किया जाए।प्रश्न: वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विस्तार के पीछे क्या कारण है?
उत्तर: पीएम मोदी की एक खासियत है कि वह जितना देश के लिए सोचते हैं उतना ही अपने संसदीय क्षेत्र के लिए भी सोचते हैं। काशी जिस तरह से अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर स्थापित हो रहा है उससे हवाई यात्रियों की संख्या वहां काफी बढ़ने वाली है। वहां का एयरपोर्ट नया है लेकिन हमारा अनुमान है कि अगले दो वर्षों मे वहां भीड़ काफी ज्यादा हो जाएगी। अब हम तकरीबन 2870 करोड़ रुपये की लागत से उसका विस्तार करेंगे।
अभी काशी एयरपोर्ट की सालाना क्षमता 40 लाख यात्रियों की है जिसे बढ़ा कर एक करोड़ यात्रियों का किया जाएगा। यह पूरी तरह से अत्याधुनिक विश्वस्तरीय एयरपोर्ट टर्मिनल होगा जहां काशी की संस्कृति व सभ्यता की झलक भी मिलेगी। मैंने इस एयरपोर्ट के काम को अपने मंत्री पद के लिए भी चुनौती के तौर पर लिया है। पीएम मोदी ने मेरे जैसे युवा को देश का सबसे महत्वपूर्ण मंत्रालय सौंपा है। मुझे उनकी कसौटी पर खरा उतरना है।
प्रश्न: एनडीए के भीतर कैसा सामंजस्य है? स्पीकर पद में टीडीपी की दिलचस्पी है?
उत्तर: हमारी पार्टी पीएम नरेन्द्र मोदी के विजन में भरोसा करती है और उसके साथ ही काम करना चाहती है। जो एनडीए का एजेंडा है, वही हमारा एजेंडा है। हम टीम मोदी का हिस्सा हैं। मेरे मंत्रालय का काम भी पीएम मोदी के टीम वर्क के तहत ही हो रहा है। हमारी पार्टी का कोई व्यक्तिगत एजेंडा नहीं है। स्पीकर का फैसला भी हमारा व्यक्तिगत नहीं है। इस बारे में हम एनडीए के साथ चलेंगे। एनडीए की बैठक में जो फैसला होगा, वही हमारा भी फैसला होगा।
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