तीन वर्षों में 123 करोड़ टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य; कैसे हासिल होगा लक्ष्य, क्या है सरकार की योजना
केंद्र सरकार ने वर्ष 2024-25 तक देश में कोयला उत्पादन को 123 करोड़ टन करने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में देश की सबसे बड़ी कोयला कंपनी कोल इंडिया (सीआइएल) को प्रमुख भूमिका निभानी होगी। जानें कैसे पूरा होगा यह लक्ष्य...
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार एक तरफ तो स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देने के लिए हर जतन कर रही है, वहीं उसे इस हकीकत का भी पता है कि भारत को अभी लंबे समय तक कोयले की दरकार रहेगी। यही वजह है कि उसने वर्ष 2024-25 तक देश में कोयला उत्पादन को 123 करोड़ टन करने का लक्ष्य रखा है। देश की सबसे बड़ी कोयला कंपनी होने के नाते कोल इंडिया (सीआइएल) को इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रमुख भूमिका निभानी होगी।
शुरू होंगी नई रेल परियोजनाएं
कंपनी ने अपनी खदानों से कोयला को देश के विभिन्न हिस्सों में तेजी से पहुंचाने के लिए कई नई रेल लाइन परियोजनाओं पर काम शुरू करने का एलान किया है। पिछले दो महीनों के दौरान बिजली क्षेत्र को हुई कोयले की दिक्कत के पीछे मुख्य वजह समय पर ढुलाई का नहीं होना रहा है।
स्थापित की जाएगी नई रेल लाइन
कंपनी की प्रमुख नार्थ कर्णपुरा कोलफील्ड से रेल ढुलाई मार्ग को मजबूत बनाया जा रहा है। कोयला मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि इसके लिए 849 करोड़ रुपये की लागत से एक नई रेल लाइन स्थापित की जा रही है। टोरी-शिवपुर के बीच स्थापित होने वाली इस लाइन के मई, 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है।
तेजी से होगी आपूर्ति
इसके अलावा 49 किलोमीटर लंबी शिवपुर-कथौटिया रेल मार्ग का निर्माण भी करने का फैसला किया गया है। इसके लिए कोल इंडिया एक विशेष कंपनी स्थापित करने जा रही है। कोयला मंत्रालय ने कहा है कि इन दो लाइनों के निर्माण से पूरे देश में फैले बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति तेजी से हो सकेगी।
बिजली उत्पादन में 65 प्रतिशत हिस्सा ताप बिजलीघरों का
देश में बिजली उत्पादन क्षमता का 65 प्रतिशत अभी ताप बिजली घरों का है। माना जा रहा है कि वर्ष 2030 तक भारत की कुल बिजली क्षमता में कोयला आधारित संयंत्रों की हिस्सेदारी और घट कर 50 प्रतिशत के करीब रह जाएगी। इसके बावजूद देश की बिजली उत्पादन में इन संयंत्रों की अहम हिस्सेदारी वर्ष 2040 तक बनी रहेगी। ताप बिजली संयंत्र तकनीकी तौर पर ज्यादा भरोसेमंद हैं। कई विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा परिवेश में कुछ दशक तक भारत सौर, पवन या दूसरे रिनीवेबल ऊर्जा संयंत्रों पर पूरी तरह से निर्भर नहीं हो सकता।
दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयला भंडार
भारत के पास दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयले का भंडार है लेकिन उनका दोहन काफी कम हुआ है। अगर वर्ष 2021-22 की बात करें तो भारत में 77.8 करोड़ टन कोयला का उत्पादन हुआ था। तब कोल इंडिया ने 60 करोड़ टन के करीब कोयला उत्पादन किया था और इस वर्ष उसने 70 करोड़ टन उत्पादन का लक्ष्य रखा है। अगर सरकार को अगले तीन वर्षों में 123 करोड़ टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य हासिल करना है तो इसके लिए निजी क्षेत्र में कोयला उत्पादन को काफी बढ़ाना होगा।