नई E-Commerce पॉलिसी में छोटे कारोबारियों को प्राथमिकता, सरकार लेकर आएगी ओएनडीसी प्लेटफार्म
E-Commerce Company वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि कोरोना काल में उपभोक्ताओं का ध्यान रखने वाले छोटे व ऑफलाइन कारोबारियों की ई-कॉमर्स पॉलिसी में अनदेखी नहीं की जा सकती है। सरकार जल्द ही ई-कॉमर्स पॉलिसी का एलान कर सकती है। खुदरा व्यापार और एमएसएमई को संरक्षण देना सरकार की नीति में शामिल हैं। (जागरण फाइल फोटो)
नई दिल्ली, जेएनएन। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि कोरोना काल में उपभोक्ताओं का ध्यान रखने वाले छोटे व ऑफलाइन कारोबारियों की ई-कॉमर्स पॉलिसी में अनदेखी नहीं की जा सकती है। उन्होंने बताया कि सरकार जल्द ही ई-कॉमर्स पॉलिसी का एलान कर सकती है, जिसमें इस बात की कोशिश की गई है कि ये सभी के लिए लाभकारी हो और ई-कॉमर्स कंपनियां व छोटे व्यापारी एक-दूसरे के पूरक बनें।
आपको बता दें कि पिछले महीने वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में ई-कॉमर्स पॉलिसी से जुड़े सभी हितधारकों की वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी। सरकार पिछले तीन साल से ई-कॉमर्स पालिसी लाने पर चल रहा है, लेकिन अब तक इसका एलान नहीं किया जा सका है। गोयल ने कहा कि खुदरा व्यापार और एमएसएमई को संरक्षण देना सरकार की नीति में शामिल हैं और ये व्यापारी हमारी प्राथमिकता हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब ई-कामर्स कंपनियां लोगों तक सामान पहुंचाने में असफल रही थीं, तब इन छोटे व्यापारियों ने अपनी जान पर खेलकर और अपनी सेहत को दांव पर लगाकर ग्राहकों तक सामान पहुंचाने का काम किया।
इन छोटे और ऑफलाइन खुदरा व्यापारियों का योगदान अद्भुत है। हम ई-कॉमर्स पॉलिसी में इन व्यापारियों पर किसी तरह की आंच नहीं आने देंगे। ऑफलाइन व्यापार करने वाले छोटे कारोबारियों के लिए ही सरकार ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) प्लेटफार्म लेकर आई है। गोयल ने कहा कि घोषित होने वाली ई-कॉमर्स नीति में सभी के हित की बात है। सभी के लाभ का ख्याल रखा गया है।
कम दाम पर बेचे जाएंगे सामान
ई-कॉमर्स कंपनियां ऑफलाइन खुदरा कारोबारी पिछले कई सालों से ई-कॉमर्स कंपनियों की तरफ से भारी छूट के साथ सामान बेचने का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे उनकी बिक्री लगातार कम हो रही है। सूत्रों के मुताबिक नई ई-कॉमर्स पॉलिसी में लागत से कम दाम पर सामान बेचने की इजाजत नहीं होगी। सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को सरकार के यहां अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर सभी विक्रेताओं की पूरी जानकारी होगी। मार्केट प्लेस व इन्वेंट्री मॉडल के बीच ई-कॉमर्स कंपनियों को स्पष्ट अंतर बताना होगा। डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल कर सामान बेचने वाली सभी कंपनियों को ई-कॉमर्स पॉलिसी के दायरे में लाया जा सकता है। उपभोक्ता उनके खिलाफ शिकायत कर सकेंगे। इसका निपटान तुरंत किया जाएगा।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को भारतीय मसाला उद्योग के सदस्यों को 2030 तक 10 अरब डालर के निर्यात का लक्ष्य रखने के लिए प्रोत्साहित किया। वर्ल्ड स्पाइस कांग्रेस 2023 को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमें बड़े पैमाने पर मूल्यवर्धन पर विचार करना चाहिए।
हमें एक बड़ा बाजार बनाना शुरू करना होगा। उन्होंने कहा कि मैंने एक बहुत ही मामूली लक्ष्य निर्धारित किया है और उम्मीद है कि आप इसे पार करने की कोशिश करेंगे। हमें दुनिया भर में मौजूद मसालों के सभी पुराने आकर्षण को वापस लाना है। हमें अन्य देशों को मसालों का उपयोग बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। भारतीय मसालों के प्रमुख आयातक चीन, अमेरिका, बांग्लादेश और संयुक्त अरब अमीरात हैं।