कुछ वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों की जांच कर रहा है प्रतिस्पर्धा आयोग, सही संतुलन बनाने पर है जोर
प्रतिस्पर्धा आयोग कुछ वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों की जांच कर रहा है। जांच से यह पता लगाना है कि प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने के उनके तरीके प्रतिस्पर्धा को प्रभावित तो नहीं कर रहे हैं। आयोग की चेयरपर्सन रवनीत कौर ने कहा हमारा ध्यान विनियमन और स्वतंत्रता के बीच सही संतुलन बनाने पर है। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) कुछ वित्तीय प्रौद्योगिकी इकाइयों के खिलाफ जांच कर रहा है। इसका मकसद यह पता लगाना है कि प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने के उनके तरीके प्रतिस्पर्धा को प्रभावित तो नहीं कर रहे हैं।
आयोग की चेयरपर्सन रवनीत कौर ने यह भी कहा कि नियामक प्रतिस्पर्धी डिजिटल बाजार सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है। आयोग विभिन्न संशोधित नियमों, डिजिटल बाजार में प्रतिस्पर्धा-रोधी गतिविधियों के खिलाफ व्यवस्था के साथ अनुचित व्यापार के तौर-तरीकों पर अंकुश लगाने के अपने प्रयासों को मजबूत कर रहा है।
इन कंपनियों के खिलाफ जांच
कॉरपोरेट मामलों के राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने राज्यसभा में अगस्त, 2023 में प्रश्नों के लिखित उत्तर में कहा था कि अमेजन, फ्लिपकार्ट, जोमैटो, स्विगी, वॉट्सएप और फेसबुक, एपल तथा गूगल जैसी कंपनियों के खिलाफ जांच वर्तमान में सीसीआई के समक्ष लंबित है।रवनीत कौर ने कहा कि प्रतिस्पर्धा कानून को लेकर विभिन्न इकाइयों के बीच जागरूकता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान 'विनियमन और स्वतंत्रता के बीच सही संतुलन बनाने' पर है। उन्होंने कहा कि नियामक का ध्यान बड़ी तकनीकी कंपनियों के साथ-साथ वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) और आनलाइन मध्यस्थ सेवा प्रदाताओं सहित विभिन्न क्षेत्रों पर है।
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