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Ministry of Consumer Affairs: ई-कामर्स कंपनियों के खिलाफ शिकायतें बढ़कर हुईं 54 प्रतिशत

ताजा आकंड़े के मुताबिक प्रमुख कंपनियों में शिकायतें पिछले साल के मुकाबले बहुत बढ़ी हैं। इनमें फ्लिपकार्ट के खिलाफ वर्ष 2021 (अगस्त से अक्तूबर) में शिकायतें 39 फीसद से अधिक थीं जो वर्ष 2022 में यह बढ़कर 52 फीसद से अधिक हो गई है।

By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Tue, 22 Nov 2022 08:53 PM (IST)
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कंपनियों पर कसेगा शिकंजा, नियमावली में कंपनियों की भी होगी राय दर्ज।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गलत आर्डर मिलने और रिफंड और रिटर्न में आ रही दिक्कतों के साथ उपभोक्ताओं के साथ होने वाली ठगी की शिकायतें बढ़ती जा रही हैं। आनलाइन कारोबार करने वाली ई-कामर्स कंपनियों के खिलाफ शिकायतें छह महीने के भीतर 4.8 प्रतिशत से बढ़कर 54 प्रतिशत को छूने लगी हैं। इनमें उपभोक्ताओं को ठगने वाली फर्जी कंपनियों की भी भरमार है। केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय ने इन शिकायतों पर गंभीरता बरतते हुए सख्त नियम बनाए जाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है 'जितनी शिकायतें नेशनल हेल्पलाइन पर आती हैं, उससे कई गुना ज्यादा गड़बड़ी के मामले होने की संभावना है, जिन्हें पीडि़तों द्वारा दर्ज नहीं कराया जाता है।

मंत्रालय की कोशिश है कि आनलाइन कारोबार की ग्रोथ को देखते हुए शिकायतें दर्ज करने की सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।' कंपनियों के खिलाफ आने वाली शिकायतों का विश्लेषण गंभीरता से किया जा रहा है, जिसके आधार पर लगभग एक दर्जन प्रमुख कंपनियों पर कार्रवाई भी की गई है। प्रमुख कंपनियों और उद्योग संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ मंत्रालय के अधिकारियों की कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं। इसके लिए प्रस्तावित नियमों की रुपरेखा तैयार कर ली गई है। इसमें शिकायत दर्ज होने का समय, निपटान की अवधि, और समाधान की दर निर्धारित की जाएगी।

ताजा आकंड़े के मुताबिक प्रमुख कंपनियों में शिकायतें पिछले साल के मुकाबले बहुत बढ़ी हैं। इनमें फ्लिपकार्ट के खिलाफ वर्ष 2021 (अगस्त से अक्तूबर) में शिकायतें 39 फीसद से अधिक थीं, जो वर्ष 2022 में यह बढ़कर 52 फीसद से अधिक हो गई है। अमेजन, मायंत्रा, मीशो, अर्बन लैडर, टाटाक्लिक, स्नैपडील और पेटीएममाल जैसी दर्जनभर कंपनियों के खिलाफ शिकायतों के आंकड़ों में साल दर वृद्धि दर्ज की गई है।

सीधे कंपनियां कर सकेंगे शिकायतों का समाधान नेशनल हेल्प लाइन पर आने वाली शिकायतों को सीधे कंपनियों से भी जोड़ा जाएगा, जो उपभोक्ताओं की शिकायतों का समाधान करेंगी। ऐसा नहीं करने वाली कंपनियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने सभी कंपनियों को नोटिस देकर उनकी राय मांगी है। पिछले साल के (अप्रैल से अक्तूबर) मुकाबले चालू वित्त वर्ष 2022 के इसी अवधि में रिटेल आउटलेट्स की शिकायतों में 176 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

जबकि ई-कामर्स की शिकायतें 81 प्रतिशत बढ़ गई हैं। कंज्यूमर ड्यूरेबल की 55 प्रतिशत, डिजिटल पेमेंट्स की 52 प्रतिशत, इलेक्ट्रानिक्स प्रोडक्ट की 33 प्रतिशत, बैंकिंग 17 प्रतिश त, एनबीएफसी 17 प्रतिशत, एजेंसी सर्विसेज 27 प्रतिशत और टेलीकाम एंड इंटरनेट की शिकायतों में तीन प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

निधि खरे, अपर सचिव, उपभोक्ता मंत्रालय ने कहा, उपभोक्ता हित संरक्षण को लेकर सरकार पूरी तरह सतर्क है। आनलाइन कारोबारी कंपनियों के लिए बनाए गए नियम दो दशक से भी अधिक पुराने हैं, जिन्हें बदलने की जरूरत है।

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सरकार इस दिशा में त्वरित गति से काम कर रही है। इसमें उन कंपनियों को भी साथ लिया जा रहा है, ताकि क्वालिटी उत्पाद और सेवाएं बेचने वाले उद्योग और कारोबार करने वाली कंपनियों का किसी तरह नुकसान न हो सके।

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