वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार विभिन्न क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देने के लिए एसईजेड में इकाइयों पर कुछ प्रतिबंधों में ढील देने पर विचार कर रही है। भारत में विशेष आर्थिक क्षेत्रों को व्यापार और सीमा शुल्क उद्देश्यों के लिए विदेशी क्षेत्र माना जाता है और इन क्षेत्रों में स्थित व्यवसायों को घरेलू बाजार में शुल्क-मुक्त बिक्री करने से प्रतिबंधित किया जाता है।
By AgencyEdited By: Gaurav KumarUpdated: Wed, 08 Nov 2023 09:00 PM (IST)
पीटीआई, नई दिल्ली। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि सरकार विभिन्न सेक्टरों की वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) में स्थित इकाइयों पर लगे कुछ प्रतिबंधों में ढील देने पर विचार कर रही है।
भारत में एसईजेड को
व्यापार और सीमा शुल्क के लिहाज से विदेशी क्षेत्र माना जाता है और इन क्षेत्रों में स्थित इकाइयों पर शुल्क मुक्त घरेलू बिक्री पर प्रतिबंध होता है।
गोयल ने कहा
हम सभी हितधारकों से इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं और उम्मीद है कि इससे एसईजेड में स्थित इकाइयों को और आगे बढ़ने के अवसर मिलेंगे।
निर्यात उत्पादों पर शुल्क या कर में छूट (आरओडीटीईपी) योजना का लाभ एसईजेड तक बढ़ाने की उद्योग की मांग के संबंध में गोयल ने कहा कि
मंत्रालय इस बारे में सावधानीपूर्वक कदम उठाएगा। हम उचित समय पर इस पर विचार करेंगे, जब हमें इस बात का पूरा विश्वास हो जाएगा कि इससे डब्ल्यूटीओ के नियमों का उल्लंघन नहीं होगा। इन क्षेत्रों में अधिकांश पेट्रोलियम उत्पाद और साफ्टवेयर कंपनियां हैं।
क्या है मामला?
दरअसल, एसईजेड में स्थित कंपनियां सरकार से आग्रह कर रही हैं कि उन्हें शुल्क मुक्त
एफटीए आयात के समान वर्तमान में लागू आयात शुल्क का भुगतान किए बिना घरेलू बाजारों में अपने उत्पाद बेचने की अनुमति दी जाए।
देश के कुल
निर्यात में एसईजेड की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है। 2022-23 में एसईजेड से कुल निर्यात 155.8 अरब डालर रहा। इनमें 61.6 अरब डालर की वस्तुएं और 94.2 अरब डालर की सेवाओं का निर्यात किया गया है।