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Zomato और McDonald's को गलत खाना डिलीवर करना पड़ा महंगा, उपभोक्ता फोरम ने लगाया 1 लाख रुपये का जुर्माना

जोधपुर जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने जोमैटो और मैकडॉनल्ड्स पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया है। दरअसल एक ग्राहक ने जोमैटो की रेस्तरां पार्टनर मैकडॉनल्ड्स से वेज फूड ऑर्डर किया था लेकिन ग्राहक को इसकी जगह नॉन वेज फूड डिलीवर किया गया। इसी के जवाब में अब कंज्यूमर कोर्ट ने यह आदेश सुनाया है। पढ़िए क्या है पूरी खबर।

By AgencyEdited By: Gaurav KumarUpdated: Fri, 13 Oct 2023 04:34 PM (IST)
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जोमैटो कंज्यूमर कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में अपील दायर करने की प्रक्रिया में है।
एजेंसी, नई दिल्ली: ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो (Zomato) को गलत खाना डिलीवरी करना महंगा पड़ गया। दरअसल जोधपुर की जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने जोमेटो और मैकडॉनल्ड्स (McDonald's) पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया है।

क्या है मामला?

एक ग्राहक को जोमैटो ने वेज फूड की जगह नॉन वेज फूड की डिलीवरी कर दी, जिसके बाद फोरम ने यह आदेश दिया। जोमैटो ने नियामक फाइलिंग में बताया कि कंपनी अब उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम के इस आदेश के खिलाफ कोर्ट में अपील फाइल करेगी।

इस आधार पर लगा जुर्माना

जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम (II) जोधपुर ने जोमैटो और जोमैटो की रेस्तरां पार्टनर मैकडॉनल्ड्स पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के उल्लंघन के लिए 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, और मुकदमे की लागत के रूप में 5,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है।

कोर्ट में अपील दायर करेगी जोमैटो

जोमैटो का कहना है कि उपभोक्ता फोरम के इस आदेश के खिलाफ कंपनी अपील दायर करने की प्रक्रिया में है। जोमैटो का मानना ​​है कि उसके पास योग्यता के आधार पर एक अच्छा मामला है।

क्या है जोमैटो का तर्क?

इस मामले में जोमैटो का तर्क है कि जोमैटो केवल भोजन की बिक्री के लिए एक सुविधा प्रदाता है और रेस्तरां पार्टनर सर्विस द्वारा ऑर्डर में किए गए किसी भी कमी, ऑर्डर की गलत डिलीवरी/ऑर्डर बेमेल और गुणवत्ता के लिए रेस्तरां जिम्मेदार है।