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कैशलेस ट्रांजेक्शन पकड़ रहा रफ्तार, डिजिटल बैंकिंग को प्राथमिकता दे रहे उपभोक्ता

केंद्र सरकार को कैशलेस ट्रांजेक्शन को लगातार बढ़ावा दे रही है। कोरोना महामारी के बाद सभी क्षेत्रों में डिजिटल कामकाज में काफी तेजी आई है। अब ज्यादातर उपभोक्ता डिजिटल बैंकिंग को काफी पसंद कर रहे हैं। लोगों का बैंकों में आना-जाना और लेनदेन करना भले ही कम हुआ है लेकिन उनका बैंकों से डिजिटल संपर्क बढ़ा है। बीते दो वर्षों में 80 प्रतिशत वित्तीय संस्थानों का कैशलेस लेनदेन बढ़ा है।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Sun, 25 Aug 2024 06:38 PM (IST)
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डिजिटल लेनदेन में तेजी के साथ बैंकों से क्रिप्टोकरेंसी की मांग भी हो रही है।
जेएनएन, नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बाद सभी क्षेत्रों में डिजिटल कामकाज में काफी तेजी आई है। इसके साथ ही डिजिटल और संपर्करहित लेनदेन भी काफी बढ़ा है। इस असर बैंकिंग क्षेत्र पर भी पड़ा है। अल्कामी टेक्नोलॉजी की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस समय 78 प्रतिशत उपभोक्ता डिजिटल बैंकिंग को प्राथमिकता दे रहे हैं। यह उपभोक्ता मोबाइल एप या वेबसाइट के जरिये डिजिटल बैंकिंग करते हैं।

रिपोर्ट की खास बातें :

  • बीते दो वर्षों के दौरान 80 प्रतिशत से ज्यादा वित्तीय संस्थानों का कैशलेस लेनदेन बढ़ा है।
  • 60 प्रतिशत से ज्यादा वित्तीय संस्थानों के कैशलेस लेनदेन में 20 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि रही।
  • बीते तीन वर्षों में 50 प्रतिशत बैंकों ने डिजिटल सेवाएं देने के लिए फिनटेक से समझौते किए।

बैंकों से डिजिटल संपर्क बढ़ा

रिपोर्ट के अनुसार, भले ही लोगों का बैंकों में आना-जाना और लेनदेन करना कम हुआ है लेकिन उनका बैंकों से डिजिटल संपर्क बढ़ा है। मोबाइल और डिजिटल बैंकिंग अपनाने वाले ग्राहक अब दैनिक आधार पर बैंकों से ज्यादा संपर्क में रहते हैं।

जो डेटा का सर्वोत्तम उपयोग कर सकेंगे और डिजिटल उपभोक्ताओं की तेजी से बदलती जरूरतों को पूरा कर सकेंगे, वही भविष्य में बैंकिंग क्षेत्र का नेतृत्व करेंगे। ज्यादा से ज्यादा लोग डिजिटल बैंकिंग अपना रहे हैं। इसका यह असर भी दिख रहा है कि अब एटीएम और बैंकों में जाने वाले लोगों की संख्या में काफी कमी दिख रही है।

एलिसन शेरा, चीफ मार्केटिंग ऑफिसर, अल्कामी टेक्नोलॉजी

बिटकॉइन उत्पादों की भी हो रही मांग

रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटल लेनदेन में तेजी के साथ बैंकों से क्रिप्टोकरेंसी की मांग भी हो रही है। 21 प्रतिशत वित्तीय संस्थानों ने माना है कि उनके ग्राहकों ने उनसे बिटकॉइन उत्पादों और सेवाओं की मांग की है। वहीं, 35 प्रतिशत बैंकों का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी विकल्प की पेशकश करने से उन्हें प्रतिस्पर्धात्मक रूप से बढ़त मिल सकती है।

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