व्यापार घाटे में बढ़ोतरी चिंताजनक, लगातार तीन महीनों से औसतन 20 अरब डालर के है ऊपर
पिछले तीन महीने से वस्तुओं का व्यापार घाटा औसतन 20 अरब डालर के पार चल रहा है जो चिंता का कारण बन सकता है। हालांकि सेवा क्षेत्र के समर्थन से चालू खाते का घाटा नियंत्रण में रहने की संभावना है।
By Manish MishraEdited By: Updated: Fri, 03 Dec 2021 10:03 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पिछले तीन महीने से वस्तुओं का व्यापार घाटा औसतन 20 अरब डालर के पार चल रहा है जो चिंता का कारण बन सकता है। हालांकि, सेवा क्षेत्र के समर्थन से चालू खाते का घाटा नियंत्रण में रहने की संभावना है। सर्विस सेक्टर के निर्यात में लगातार आयात से अधिक बढ़ोतरी हो रही है जो कुल व्यापार के लिए अच्छा संकेत है। नवंबर में वस्तुओं का व्यापार घाटा 23.27 अरब डालर, अक्टूबर में 19.73 अरब डालर और सितंबर में 22.59 अरब डालर रहा है। वैसे, आर्थिक विशेषज्ञ आयात में बढ़ोतरी को अर्थव्यवस्था में तेजी का संकेत भी मान रहे हैं।
फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशंस (फियो) के प्रेसिडेंट ए. शक्तिवेल के अनुसार नवंबर का आयात 57 प्रतिशत बढ़कर 53.15 अरब डालर रहा जो चिंता का विषय है और इसकी समीक्षा की जानी चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्लोबल मार्केट में कच्चे माल का दाम खासा बढ़ा है। इससे भारत के आयात बिल में तेजी से बढ़ोतरी हुई है जो व्यापार घाटे का प्रमुख कारण है। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार नवंबर में सबसे अधिक कोकिंग कोल व कोयले के आयात मूल्य में 135.81 प्रतिशत तो पेट्रोलियम पदार्थो में 132.44 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही।
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एचडीएफसी बैंक की वरिष्ठ अर्थशास्त्री साक्षी गुप्ता ने बताया कि वर्तमान के रुख को देखते हुए वित्त वर्ष 2021-22 में चालू खाता घाटा जीडीपी का 1.2-1.5 फीसद तक रह सकता है। वर्ष 2012-13 में चालू खाते का घाटा जीडीपी के 4.8 फीसद तक चला गया था। गुप्ता ने बताया कि कच्चे तेल की कीमत से लेकर तांबा, जिंक, एल्यूमिनियम जैसे कच्चे माल के दाम ग्लोबल मार्केट में घट रहे हैं और दिसंबर के आयात बिल में इसका असर दिखेगा।
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