Core Sector Output: जुलाई में घटा कोर सेक्टर का उत्पादन, आठ बुनियादी ढांचा क्षेत्रों को नुकसान
Core Sector वो होते हैं जो अन्य उद्योगों के लिए कच्चा माल या जरूरी संसाधन मुहैया कराते हैं। इसमें कोयला कच्चा तेल प्राकृतिक गैस पेट्रोलियम रिफायनरी प्रोडक्ट फर्टिलाइजर स्टील सीमेंट और बिजली शामिल है। जब अर्थव्यवस्था मजबूत होती है तो इन सेक्टर की मांग बढ़ती है।
By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Wed, 31 Aug 2022 05:49 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। जुलाई में कोर सेक्टर का उत्पादन (Core Sector Output) घटकर 4.5 प्रतिशत रह गया। बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, आठ प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों का उत्पादन जुलाई में घटकर 4.5 प्रतिशत रह गया, जो छह महीने में सबसे कम है। कोर सेक्टर का उत्पादन एक साल पहले इसी अवधि में 9.9 फीसद था।
आठ बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली आदि शामिल हैं। इनकी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जुलाई में 11.5 प्रतिशत थी, जो एक साल पहले 21.4 प्रतिशत थी।
कहां कितनी हुई कमी
इन बुनियादी ढांचा क्षेत्रों का उत्पादन जून में 13.2 प्रतिशत, मई में 19.3 प्रतिशत, अप्रैल में 9.5 प्रतिशत, मार्च में 4.8 प्रतिशत, फरवरी में 5.9 प्रतिशत और जनवरी में 4 प्रतिशत बढ़ा था। इस अवधि में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन में क्रमश: 3.8 प्रतिशत और 0.3 प्रतिशत की कमी आई।भारत दुनिया में सबसे तेजी से ग्रोथ वाला देश
जून तिमाही में देश की जीडीपी 13.5 फीसद की दर से बढ़ी है। हालांकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में देश की GDP ग्रोथ रेट 20.1 फीसदी रही थी। हालांकि, 13.5 फीसदी की ग्रोथ इंडियन इकोनॉमी की दूसरी सबसे ज्यादा ग्रोथ है। इससे पहले पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 20.1 फीसदी थी। इस तरह देखें तो भारत, दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना हुआ है। देश में आर्थिक गतिविधियां फिर से सामान्य स्थिति में आ गई हैं। खासकर सेवा क्षेत्र में गतिविधियां काफी तेजी से बढ़ी हैं। इनमें एंटरटेनमेंट, रेस्टॉरेंट्स, खेल, बैंकिंग आदि शामिल हैं। आपको बता दें कि मार्च 2020 में कोरोना की महामारी शुरू होने के बाद लॉकडाउन लगा दिया गया था। इससे आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठप पड़ गई थीं।