कंपनियां मार्च 2022 तक बेच सकेंगी कोरोना पॉलिसी, मिला और ज्यादा समय
फैसले के दौरान शीर्ष अदालत ने केंद्रीय वस्तु और सेवा कर (सीजीएसटी) अधिनियम की धारा 54 (3) की वैधता को बरकरार रखा। दरअसल सीजीएसटी के तहत आइटीसी से जुड़े रिफंड के नियम वस्तुओं और सेवाओं पर भी लागू किए जा सकते हैं
By NiteshEdited By: Updated: Wed, 15 Sep 2021 08:01 AM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआइ। बीमा नियामक इरडा ने बीमा कंपनियों को मार्च, 2022 तक कोरोना से जुड़ी अल्पकालिक पॉलिसी को बेचने और उनके नवीनीकरण की अनुमति दे दी है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने पिछले वर्ष सभी बीमा कंपनियों को कोरोना कवच और कोरोना रक्षक जैसी पॉलिसी को बाजार में लाने के लिए कहा था।
इसके बाद कई बीमा कंपनियां अल्पकालिक पॉलिसी लेकर आई थीं। नियमित बीमा पॉलिसी की तुलना में चूंकि इनका प्रीमियम कम था, जिसके चलते थोड़े ही समय यह काफी लोकप्रिय हो गई। एक अन्य सर्कुलर में बीमा नियामक ने सामान्य बीमा कंपनियों को सिर्फ इलेक्ट्रानिक पॉलिसी जारी करने की छूट मार्च, 2022 के अंत तक बढ़ा दी है। पिछले साल इस संबंध में बीमा कंपनियों ने नियामक के सामने कोरोना महामारी को देखते हुए एक प्रस्तुतिकरण दिया था, जिसके बाद यह छूट मिली थी।आइटीसी के तहत रिफंड मांगना संवैधानिक अधिकार नहीं : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि अप्रयुक्त इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) के तहत वस्तुओं और सेवाओं के रिफंड का दावा नहीं किया जा सकता है। इस संबंध में केंद्र की याचिका स्वीकार करते हुए पीठ ने कहा कि इसे मांगने का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है। फैसले के दौरान शीर्ष अदालत ने केंद्रीय वस्तु और सेवा कर (सीजीएसटी) अधिनियम की धारा 54 (3) की वैधता को बरकरार रखा। दरअसल, सीजीएसटी के तहत आइटीसी से जुड़े रिफंड के नियम वस्तुओं और सेवाओं पर भी लागू किए जा सकते हैं या नहीं, इस संबंध में गुजरात और मद्रास हाई कोर्ट ने परस्पर विरोधी फैसले दिए थे।
इससे जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई करते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एमआर शाह की पीठ ने यह फैसला सुनाया। पीठ ने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को रद कर दिया, जिसने सीजीएसटी के नियम 89(5) को असंवैधानिक करार दिया था। गुजरात हाई कोर्ट ने माना था कि नियम 89(5) की व्याख्या सीजीएसटी अधिनियम की धारा 54(3) के प्रविधान के विपरीत है, जो आइटीसी की वापसी से संबंधित है।