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Credit Card New Rule: विदेश में क्रेडिट कार्ड से खर्च करने पर लगेगा 20 प्रतिशत TCS, आप पर क्या होगा इसका असर

एक जुलाई से क्रेडिट कार्ड से विदेश में किए जाने वाले खर्च पर 20 प्रतिशत टीसीएस (टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स) का भुगतान करना होगा। वित्त मंत्रालय ने क्रेडिट कार्ड से विदेश में भुगतान पर एक एफएक्यू भी प्रकाशित किया है। आइए समझते हैं नियमों में क्या बदलाव हुए हैं।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Fri, 19 May 2023 03:38 PM (IST)
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Credit Card New Rule: 20 Percent TCS on international credit card, Know All Details
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Credit Card New Rules: विदेश यात्रा के दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड से खर्च करने पर आगामी एक जुलाई से 20 प्रतिशत टीसीएस (टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स) का भुगतान करना होगा। वहीं,16 मई से क्रेडिट कार्ड से विदेश में होने वाले भुगतान को लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) में शामिल कर दिया गया है, जिसके चलते अब विदेश में क्रेडिट कार्ड से एक वित्त वर्ष में 2.5 लाख डालर से अधिक खर्च नहीं किया जा सकेगा।

इस सीमा से अधिक खर्च करने के लिए आरबीआई से इजाजत लेनी होगी। अभी क्रेडिट कार्ड से विदेश में किए जाने वाले खर्च एलआरएस में शामिल नहीं थे। इस बदलाव के बाद क्रेडिट कार्ड से विदेश में होने वाले लेनदेन पर आपको टैक्स देना होगा। क्या आप जानते हैं कि मामूली लगने वाले इस बदलाव का आप पर कितना गहरा असर होगा? 

सरकार ने दिया ये अपडेट

सरकार ने फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) के तहत नियमों में संशोधन किया है, जिसमें एलआरएस के तहत भारत के बाहर क्रेडिट कार्ड पर किए जाने वाले खर्च को शामिल किया गया है। इस बारे में और स्पष्टीकरण के लिए वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को एलआरएस के माध्यम से स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) के बारे में आमतौर पर पूछे जाने वाले प्रश्नों का एक सेट जारी किया।

Liberalized Remittance Scheme के तहत नाबालिगों सहित कोई नागरिक किसी भी चालू या पूंजी खाता लेनदेन या दोनों के लिए संयुक्त रूप से एक वित्तीय वर्ष में ढाई लाख डॉलर तक भेज सकता है।

क्या है Liberalized Remittance Scheme

वित्त मंत्रालय ने 16 मई को इस बारे में अधिसूचना जारी की थी। वर्तमान में विदेश में एलआरएस के तहत सात लाख रुपये से अधिक खर्च करने पर पांच प्रतिशत का टीसीएस लगता है। हालांकि, एक जुलाई से मेडिकल और शिक्षा मद को छोड़ विदेश में भेजे जाने वाली या खर्च की जाने वाली सभी राशि पर 20 प्रतिशत टीसीएस लगेगा।

टीसीएस के तहत वस्तु या सेवा विक्रेता उपभोक्ता से टैक्स वसूलता है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के दौरान उपभोक्ता टीसीएस रिफंड का दावा कर सकता है, लेकिन उसका भुगतान इनकम स्लैब पर निर्भर करेगा।

महंगी हो सकती है विदेश यात्रा

अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड को एलआरएस के दायरे में लाने और क्रेडिट कार्ड से विदेश में किए जाने वाले खर्च पर 20 प्रतिशत टीसीएस लगाने से विदेश यात्रा महंगी हो सकती है। मान लीजिए, विदेश यात्रा के दौरान होटल बुकिंग व अन्य पैकेज पर किसी ने दो लाख रुपये का भुगतान क्रेडिट कार्ड से किया तो एक जुलाई से उसे इतने अमाउंट पर 40,000 रुपये टीसीएस का देना होगा। 30 जून तक उसे दो लाख रुपये देने होंगे, लेकिन एक जुलाई से 2.40 लाख रुपये का भुगतान करना होगा।

सरकार ने जारी किया पांच सूत्री स्पष्टीकरण

अफवाहों को रोकने के लिए सरकार ने पांच सूत्री स्पष्टीकरण जारी किया है।

टीसीएस वसूल करने की जरूरत क्यों?

आयकर अधिनियम 1961 की धारा 206C के अनुसार टीसीएस विदेशी टूर पैकेज की बिक्री पर एलआरएस के तहत वसूल किया जाता है।

क्या टीसीएस विदेश में किए गए सभी लेनदेन पर लागू है?

नहीं। केवल ऐसे रेमिटेंस, जो एलआरएस के अंतर्गत आते हैं, उन्हीं पर टीसीएस लागू होगा।

टीसीएस की दरों में बढ़ोतरी के पीछे क्या कारण है?

टीसीएस का भुगतान, कर भुगतान नहीं है। यदि टीसीएस देने वाला एक करदाता है, तो वह अपने कर भुगतान के रूप में टीसीएस के लिए क्रेडिट का दावा कर सकता है और इसे एडवांस टैक्स के अनुसार समायोजित कर सकता है।

यदि टीसीएस एक ऐसे व्यक्ति का है जो करदाता नहीं है, तो उसकी अनुमानित आय पर 20% की सीमा अधिक नहीं है। नई व्यवस्था में 20% की कर दर स्लैब 12 लाख से अधिक आय के लिए शुरू होती है और 15 लाख से अधिक की आय के लिए 30% है।

क्या होगा शुरुआती असर

शुरुआती असर एचएनआई द्वारा अचल संपत्ति, बांड, भारत के बाहर स्टॉक जैसी संपत्तियों में निवेश करने और गैर-निवासियों के यात्रा पैकेज या गिफ्ट पर पड़ेगा। खुद के पैसे से विदेश में ऐसे लेनदेन करने वाले व्यक्ति आमतौर पर हाई टैक्स स्लैब में होते हैं। उन्हें शायद इस कर की चिंता में दुबले होने की जरूरत नहीं।

शिक्षा और चिकित्सा से संबंधित यात्रा और खर्चों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

शिक्षा और चिकित्सा से संबंधित यात्रा और आकस्मिक खर्चों के लिए किए गए लेनदेन पर टीसीएस के लिए शिक्षा और चिकित्सा उपचार के लिए लागू टीसीएस की दरें मान्य होंगी। इसका विस्तृत स्पष्टीकरण अलग से जारी किया जाएगा।

अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड के माध्यम से विदेशी मुद्रा में खर्च आरबीआई की उदारीकृत प्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत कवर किया जाएगा, जिसके तहत एक निवासी रिजर्व बैंक के प्राधिकरण के बिना प्रति वर्ष अधिकतम 2.50 लाख अमरीकी डालर तक विदेश भेज सकता है।