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चालू वित्त वर्ष में कम रहेगा बैंकों का Credit Growth, ग्रॉस एनपीए भी कम होने की उम्मीद: ICRA

रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में बैंकों का क्रेडिट वृद्धि धीमी रहेगी। इक्रा के अनुसार इस वित्त वर्ष में क्रेडिट वृद्धि पिछले साल के 15.4 प्रतिशत से घटकर 12.1-13.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। इसके अलावा इक्रा ने यह भी बतााया कि बैंको का जीएनपीए भी कम होने की उम्मीद है। पढ़िए क्या है पूरी खबर।

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Thu, 14 Sep 2023 07:14 PM (IST)
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इक्रा के मुताबिक जून तिमाही में कम रहेगा बैंकों का एनपीए

नई दिल्ली, एजेंसी: घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) ने आज एक रिपोर्ट जारी करते हुए बाताय कि बैंकों का क्रेडिट ग्रोथ चालू वित्त वर्ष में कम रहेगा।

इक्रा के मुताबिक इस वित्त वर्ष क्रेडिट ग्रोथ एक साल पहली की 15.4 प्रतिशत से घटकर 12.1-13.2 प्रतिशत रह जाएगा।

ग्रॉस एनपीए भी होगा कम

इसके अलावा इक्रा ने यह भी कहा कि बैंकों का जीएनपीए यानी ग्रॉस एनपीए जून तिमाही के अंत में 3.7 प्रतिशत से घटकर 2.8-3 प्रतिशत पर आने की उम्मीद है।

वित्त वर्ष 24 में ज्यादा डिपॉजिट का अनुमान

इक्रा ने अपने रिपोर्ट में कहा कि इस वित्त वर्ष बैंकों में कुल जमा वृद्धि 9 प्रतिशत से अधिक रहने की उम्मीद है। ज्यादा जमा के कारण बैंकों की लाभप्रदता प्रभावित होगी और परिसंपत्तियों पर रिटर्न में मामूली कमी आएगी।

व्यापक आर्थिक झटकों को लेकर सतर्क

इक्रा ने कहा कि वह संपत्ति की गुणवत्ता पर व्यापक आर्थिक झटकों के असर को लेकर सतर्क है। इक्रा के मुताबिक सरकारी बैंक के साथ-साथ निजी क्षेत्र के बैंक भी पूंजीकरण के मोर्चे पर सहज होंगे, साथ ही सरकार को अपने किसी भी बैंक में पैसा लगाने की आवश्यकता नहीं होगी।

क्या होता है क्रेडिट ग्रोथ?

दरअसल बैंकों का कमाने का सबसे बड़ा जरिया उधार यानी लोन यानी क्रेडिट होता है। बैंक अगर ग्राहकों को ज्यादा से ज्यादा लोन देते हैं तो वो अच्छा माना जाता है क्योंकि उतनी ही ज्यादा ब्याज पर बैंक पैसा कमा सकती है।

क्रेडिट ग्रोथ का मतलब बैंकों के लोन देने में वृद्धि होना, यानी लोग ज्यादा लोन ले रहे हैं। सरल भाषा में कहे तो क्रेडिट ग्रोथ का मतलब वह लोन जो बैंक कंपनियों, व्यवसायियों या व्यक्तियों को प्रदान करते हैं। जितने अधिक लोग बैंकों से लोन लेंगे, बैंक क्रेडिट में उतनी ही अधिक वृद्धि होगी।

क्या है इक्रा?

ICRA लिमिटेड (पूर्व में भारतीय निवेश सूचना और क्रेडिट रेटिंग एजेंसी लिमिटेड) की स्थापना 1991 में अग्रणी वित्तीय/निवेश संस्थानों, वाणिज्यिक बैंकों और वित्तीय सेवा कंपनियों द्वारा एक स्वतंत्र और पेशेवर निवेश सूचना और क्रेडिट रेटिंग एजेंसी के रूप में की गई थी।