अप्रैल-नवंबर के दौरान कच्चे तेल का आयात 52 प्रतिशत बढ़ा, लगातार पांचवें सप्ताह ऊपर रहा विदेशी मुद्रा भंडार
कच्चे तेल के आयात में 52.58 प्रतिशत की वृद्धि रही है। कुल विदेशी मुद्रा भंडार 564 अरब डालर के पार पहुंच गया है। दो दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 11 अरब डालर से ज्यादा की वृद्धि हुई थी।
By Jagran NewsEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Fri, 16 Dec 2022 08:22 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो: अप्रैल-नवंबर 2022 के दौरान देश में कच्चे तेल के आयात में 52.58 प्रतिशत की वृद्धि रही है। वाणिज्य मंत्रालय के डाटा के अनुसार, इस अवधि में 146.57 अरब डालर का कच्चा तेल आयात किया गया है।डाटा के अनुसार, अप्रैल-नवंबर के दौरान कोयले का आयात 97.66 प्रतिशत बढ़कर 37.25 अरब डालर रहा है। हालांकि, इस अवधि में सोने का आयात 18.13 प्रतिशत घटकर 27.21 अरब डालर रहा है।
चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में इलेक्ट्रानिक्स, केमिकल्स, परिवहन उपकरण और खाद्य तेलों के आयात में भी दोगुनी वृद्धि हुई है। आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले इस वर्ष पहले आठ महीनों में खाद्य तेलों का आयात 16.71 प्रतिशत बढ़कर 14.28 अरब डालर रहा है। अप्रैल-नवंबर के दौरान इंजीनियरिंग गुड्स, काटन यार्न-फैब्रिक्स और प्लास्टिक के निर्यात में क्रमश: दो, 25.79 और 9.66 प्रतिशत की गिरावट रही है। हालांकि, पेट्रोलियम उत्पादों और जेम्स एंड ज्वेलरी का निर्यात क्रमश: 58.88 और 26.45 प्रतिशत बढ़ा है।
विदेशी मुद्रा भंडार के मोर्चे अच्छी खबर
विदेशी मुद्रा भंडार के मोर्चे पर एक बार फिर अच्छी खबर आई है। नौ दिसंबर को समाप्त सप्ताह में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 2.908 अरब डालर की वृद्धि हुई है। आरबीआइ की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अब देश का विदेशी मुद्रा भंडार 564.06 अरब डालर हो गया है। यह लगातार पांचवां सप्ताह रहा है जब विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि रही है।आरबीआइ के आंकड़ों के अनुसार, दो दिसंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 11.02 अरब डालर की वृद्धि के साथ 561.16 अरब डालर पर पहुंच गया था। अक्टूबर 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार सर्वकालिक उच्च स्तर 645 अरब डालर पर पहुंच गया था, लेकिन रुपये की गिरावट को थामने के लिए आरबीआइ की ओर से डालर की बिक्री के चलते इसमें बीते कुछ महीनों में कमी आ गई थी।