105 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया कच्चा तेल, 7 साल में सबसे ज्यादा दाम
Commodity news यूक्रेन पर रूस के हमले से कच्चे तेल में उबाल आ गया है। Brent क्रूड 105 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया है। जबकि सोना ग्लोबल मार्केट में 13 महीने की ऊंचाई पर चला गया है।
By Ashish DeepEdited By: Updated: Thu, 24 Feb 2022 04:48 PM (IST)
नई दिल्ली, एएफपी। यूक्रेन पर रूस के हमले की आशंका से कच्चे तेल में उबाल आ गया है। Brent क्रूड गुरुवार शाम 105 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चला गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड 8.24 डॉलर या 8.5% बढ़कर 105.08 डॉलर प्रति बैरल हो गया।
वहीं यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड 7.78 डॉलर या 8.5% उछलकर 99.88 डॉलर पर पहुंच गया। अगस्त और जुलाई 2014 के बाद ब्रेंट और डब्ल्यूटीआई का यह उच्चतम स्तर है। गुरुवार सुबह जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में सैन्य अभियान की घोषणा की तो तेल की कीमतें 7 साल में पहली बार 100 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो गई थीं। शाम तक यह और बढ़ गईं।
पुतिन ने गुरुवार सुबह किया ऐलान
पुतिन के ऐलान के बाद ब्रेंट क्रूड बढ़कर 100.04 डॉलर प्रति बैरल हो गया, क्योंकि पूर्वी यूरोप में बड़े पैमाने पर संघर्ष को लेकर चिंता बढ़ी है। वहीं WTI 95.54 डॉलर हो गया है। कीमतें तब उछलीं जब पुतिन ने टीवी पर सैन्य कार्रवाई का ऐलान किया। उन्होंने कहा-मैंने एक सैन्य अभियान का निर्णय लिया है। उन्होंने मास्को में सुबह 6:00 बजे (0300 GMT) से कुछ समय पहले कहा। उन्होंने यूक्रेन की सेना से हथियार डालने का भी आह्वान किया।
भारत में बढ़ेगी तेल की मांग
दूसरी तरफ 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष में भारत की ईंधन की मांग 5.5 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है क्योंकि महामारी के कारण हुई तबाही के बाद आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है। सरकारी अनुमानों के मुताबिक 2022-23 में ईंधन की खपत मार्च 2022 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में 203.2 मिलियन टन की अनुमानित बिक्री से बढ़कर 214.5 मिलियन टन होने का अनुमान है।
इस साल भी बढ़ गई खपततेल मंत्रालय के Petroleum Planning and Analysis Cell (PPAC) के मुताबिक यह चालू वित्त वर्ष में महामारी पूर्व स्तर की बिक्री को पार कर जाएगा। 2019-20 में भारत ने पेट्रोल, डीजल, एलपीजी जैसे 214.1 मिलियन टन पेट्रोलियम उत्पादों की खपत की थी। अप्रैल 2021 से शुरू हुए चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग में 4.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। वहीं अप्रैल-दिसंबर 2021 में ईंधन की खपत 148.3 मिलियन टन थी।