Cyber Crime: शेयर बाजार के ऑनलाइन एक्सपर्ट से सावधान! ये लालच देकर साफ कर रहे लोगों का बैंक अकाउंट
वॉट्सऐप समेत इंटरनेट मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्म पर शेयर बाजार के विशेषज्ञ बड़ी संख्या में सक्रिय हैं जो हर दिन निवेशकों को बेहतर रिटर्न का टिप्स देते नजर आते हैं। लेकिन इनसे सावधान रहने की जररूत है। ये साइबर ठग भी हो सकते हैं। आई4सी पर साइबर ठगी की मिल रही शिकायतों में बड़े पैमाने पर शेयर बाजार में बेहतर रिटर्न का झांसा देकर होनी वाली ठगी की है।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। वॉट्सऐप समेत इंटरनेट मीडिया के तमाम प्लेटफार्म पर शेयर बाजार के विशेषज्ञ बड़ी संख्या में सक्रिय हैं, जो हर दिन निवेशकों को बेहतर रिटर्न का टिप्स देते नजर आते हैं। लेकिन इन विशेषज्ञों से सावधान रहने की जरूरत है। ये साइबर ठग भी हो सकते हैं। इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर (आई4सी) पर साइबर ठगी की मिल रही शिकायतों में बड़े पैमाने पर शेयर बाजार में बेहतर रिटर्न का झांसा देकर होनी वाली ठगी की है।
समस्या यह है कि इसे रोकने के लिए अभी तक कोई कारगर तंत्र विकसित नहीं हो पाया है। आरबीआई जहां इसके लिए जागरुकता अभियान चलाने पर जोर दे रहा है, वहीं सेबी शेयर बाजार के एक्सपर्ट के लिए नई गाइडलाइंस लाने पर विचार कर रहा है, जिसमें एक्सपर्ट के पंजीकरण भी शामिल है।
कैसे ठगी को अंजाम देते हैं साइबर ठग
आई4सी के सीईओ राजेश कुमार के अनुसार दक्षिण पूर्व एशिया के देश कंबोडिया, लाओस और म्यांमार में सक्रिय संगठित साइबर ठगों का गिरोह शेयर बाजार के एक्सपर्ट का झांसा देकर लोगों के निवेश के लिए बरगलाते हैं और शुरुआत में उन्हें लाभ होता दिखाते भी हैं। शेयर बाजार के बारे में इन साइबर ठगों की जानकारी को देखते हुए लोग आसानी से उनकी बात पर विश्वास भी कर लेते हैं और अपनी गाढ़ी कमाई की रकम को बेहतर रिटर्न के लालच में उनके कहने पर निवेश कर देते हैं।
जबतक निवेशक को ठगी का एहसास होता है, तबतक बहुत देर हो चुकी होती है। निवेश का पैसा बैंकिंग से चैनल से बाहर जा चुका होता है। इसे क्रिप्टो कैरेंसी या फिर हवाला जरिये साइबर ठग दूसरे देश में पहुंचा चुके होते हैं। यही कारण है कि शेयर बाजार में निवेश के नाम पर ठगी के मामले में रिकवरी की संभावना बहुत कम रह जाती है। एजेंसियां उतनी रकम फ्रीज करने में सफल होती है, जो बैंकिंग चैनल से बाहर जाने के बच जाता है।
साइबर ठगी के लिए गाइडलाइंस की तैयारी
इंटरनेट मीडिया पर शेयर बाजार के एक्सपर्ट की बढ़ती संख्या और इसके माध्यम से आम निवेशकों की ठगी के बढ़ते मामलों के देखते हुए गृहमंत्रालय के मातहत आने वाला आई4सी के साथ-साथ सेबी और आरबीआई जैसी वित्तीय एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं। सेबी ने पिछले साल इसके लिए ड्राफ्ट पेपर तैयार किया था, जिसमें ऐसे एक्सपर्ट के लिए गाइडलाइंस बनाने का बात शामिल है।
माना जा रहा है कि नई सरकार बनने के बाद इस गाइडलाइंस को जारी कर दिया जाएगा। गाइडलाइंस में शेयर बाजार के एक्सपर्ट के लिए पंजीकरण को अनिवार्य करने का प्रविधान भी हो सकता है। वहीं आई4सी भी आरबीआई की तरह निवेशकों की जागरूकता को ज्यादा तवज्जो दे रहा है।
आई4सी के सीईओ राजेश कुमार ने कहा कि वे नियामक एजेंसियों के मिलकर इसे रोकने के लिए कड़े कानूनी प्रविधान करने पर भी विचार-विमर्श कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि साइबर ठगी जरा भी आशंका होने पर तत्काल साइबर अपराध की हेल्पलाइन नंबर 1930 या साइबरक्राइमडाटजीओवीडाटइन पर इसकी सूचना देनी चाहिए। इससे संबंधित ठगी के एक्सपर्ट के वीडियो और लिंक को ब्लाक किया जा सकता है और उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए अन्य कदम उठाये जा सकते हैं।
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