Move to Jagran APP

Ashneer Grover ने BharatPe के खिलाफ लिखे पोस्ट को लेकर मांगी माफी, कोर्ट ने 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया

दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतपे के संस्थापक अश्नीर ग्रोवर पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। आज हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति रेखा पल्ली इस मामले में अपना फैसला सुनाया। इस फैसले में उन्होंने अश्नीर को 2 लाख रुपये का जुर्माना के साथ हलफनामा भी जमा करने के लिए कहा है। अदालत ने निर्देश दिया कि यह राशि उच्च न्यायालय के क्लर्क एसोसिएशन को भुगतान की जाएगी।

By AgencyEdited By: Priyanka KumariUpdated: Tue, 28 Nov 2023 04:19 PM (IST)
Hero Image
Ashneer Grover ने BharatPe के खिलाफ लिखे पोस्ट को लेकर मांगी माफी
पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतपे के सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। दरअसल, उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट का आरोप लगा था। आज हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति रेखा पल्ली इस मामले में अपना फैसला सुनाया।

मामले को हल्के में नहीं ले सकती कोर्ट

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली नेअपने फैसले में कहा कि ग्रोवर द्वारा दी गई माफी और वचन को रिकॉर्ड में ले लिया गया है। कोर्ट इस मामले को हल्के में नहीं ले सकती है। ऐसे में ग्रोवर पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

अशनीर ग्रोवर को एक हलफनामा दायर करना है। इस हलफनामा में वो वचन देंगे कि वो भविष्य में ऐसी कोई मानहानिकारक पोस्ट नहीं करेंगे और वो अपने पिछले व्यवहार को लेकर माफी माफी भी मांगी है। इसके अलावा उन्हें 2 लाख रुपये का जुर्माना का भुगतान करना होगा। अदालत ने निर्देश दिया कि यह राशि दिल्ली हाई कोर्ट के क्लर्क एसोसिएशन को भुगतान की जाएगी।

पिछले साल दर्ज हुआ था केस

पिछले साल, रेजिलिएंट इनोवेशन ने अपने पूर्व एमडी अश्नीर ग्रोवर और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक बयान देने से रोकने के लिए मुकदमा दायर किया था। 

अदालत ने फोन पे द्वारा दायर मुकदमे में अश्नीर ग्रोवर, उनकी पत्नी और अन्य प्रतिवादियों को समन जारी किया था, जिसमें अशनीर ग्रोवर पर धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था। आपको बता दें कि ग्रोवर ने मार्च 2022 में फोन पे से इस्तीफा दिया था और उनकी पत्नी को उनके पद से हटा दिया गया था।

 

फोन पे को कोर्ट से राहत

अंतरिम राहत के रूप में फोन पे ने कोर्ट से कंपनी के खिलाफ दिए गए सभी बयानों, ट्वीट्स, सोशल मीडिया पोस्ट, किताबें, री-ट्वीट, हैशटैग, वीडियो, प्रेस कॉन्फ्रेंस, साक्षात्कार और टिप्पणियों को पांच दिनों के भीतर हटाने या हटाने का निर्देश मांगा है। 

फोन पे ने ऐसी सामग्री को हटाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों, मीडिया हाउसों, प्रकाशनों और अन्य से संपर्क करने की स्वतंत्रता भी मांगी।