Indian Economy: चालू वित्त वर्ष में 6.6 प्रतिशत रह सकती है भारत की विकास दर, Deloitte इंडिया ने जताया अनुमान
इसी वर्ष जनवरी में फर्म ने 2023-24 में विकास दर 6.9 से 7.2 प्रतिशत के दायरे में रहने का अनुमान जताया था। रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि 2030-31 तक प्रत्येक दो में से एक घर मध्यम से उच्च आय वर्ग वाला होगा। इसी वर्ष जनवरी में फर्म ने 2023-24 में विकास दर 6.9 से 7.2 प्रतिशत के दायरे में रहने का अनुमान जताया था।
पीटीआई, नई दिल्ली। वित्तीय सेवाएं देने वाली फर्म डेलाइट इंडिया ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान भारत की विकास दर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। डेलाइट का कहना है कि खपत खर्च, निर्यात में सुधार और पूंजी प्रवाह से भारत की विकास दर को लाभ मिलेगा। भारत के आर्थिक परिदृश्य को लेकर जारी एक रिपोर्ट में डेलाइट का कहना है कि मध्यम-आय वर्ग की संख्या में वृद्धि से क्रय शक्ति में बढ़ोतरी होगी। साथ ही इससे प्रीमियम लक्जरी उत्पादों और सेवाओं की मांग भी सृजित होगी।
रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि 2030-31 तक प्रत्येक दो में से एक घर मध्यम से उच्च आय वर्ग वाला होगा, वर्तमान में इनकी संख्या चार में से एक है। इस प्रवृत्ति के आगे भी बढ़ने की संभावना है जिससे समग्र निजी उपभोक्ता खर्च में बढ़ोतरी होगी। डेलाइट इंडिया ने बीते वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भी विकास दर के अनुमान के दायरे को बढ़ाकर 7.6 से 7.8 प्रतिशत कर दिया है।इसी वर्ष जनवरी में फर्म ने 2023-24 में विकास दर 6.9 से 7.2 प्रतिशत के दायरे में रहने का अनुमान जताया था। डेलाइट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार का कहना है कि 2025 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में पलटाव देखे जाने की उम्मीद है। इसका प्रमुख कारण यह है कि प्रमुख चुनावी अनिश्चितताएं दूर हो जाएंगी। साथ ही पश्चिमी देशों के केंद्रीय बैंक 2024 के अंत तक ब्याज दरों में कुछ कटौती की घोषणा कर सकते हैं। मजूमदार का कहना है कि भारत में पूंजी प्रवाह और निर्यात में उछाल आने की भी संभावना है।
प्रमुख एजेंसियों का अनुमान (% में)
आरबीआई - 7%एडीबी - 7%