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Delta Corp के शेयर में जबरदस्त गिरावट, 23 फीसदी से अधिक टूटा शेयर, दूसरे Online Gaming स्टॉक पर भी असर

ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी टैक्स लगाने के इस फैसले के बाद निवेशक ऑनलाइन गेमिंग में किए अपने निवेश से धन निकाल रहे हैं। परिणामस्वरूप डेल्टा कॉर्प के शेयर की कीमत आज 23 प्रतिशत से अधिक गिर गई। कल जीएसटी निदेशक मंडल की 50वीं बैठक में ऑनलाइन गेमिंग कैसीनो और घुड़दौड़ पर 28 फीसदी कर लगाने का निर्णय लिया था।

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Wed, 12 Jul 2023 07:04 PM (IST)
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Delta Corp shares tumble over 23 pc; other online gaming-related stocks also hit
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत का टैक्स लगाने के इस फैसले का असर साफ दिखने लगा है। निवेशक अब ऑनलाइन गेमिंग में किए निवेश से पैसा निकालने लगे हैं। नतीजतन आज डेल्टा कॉर्प (Delta Corp) के शेयरों में 23 प्रतिशत से अधिक की भारी गिरावट दर्ज की गई।

आपको बता दें कि कल ही जीएसटी काउंसिल की 50वीं बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ पर 28 प्रतिशत टैक्स लगाने का फैसला लिया गया था जिसके बाद से ही डेल्टा कॉर्प सहित अन्य ऑनलाइन गेमिंग से संबंधित कंपनियों में भी गिरावट आई।

23 प्रतिशत से अधिक की गिरावट

हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन बुधवार 12 जुलाई को शेयर बाजार में डेल्टा कॉर्प का शेयर बीएसई पर 23.28 प्रतिशत टूटकर 189.35 रुपये पर बंद हुआ। दिन के दौरान यह 27.79 फीसदी गिरकर 178.20 रुपये पर आ गया था।

आपको बता दें कि डेल्टा कॉर्प कैसीनो (लाइव, इलेक्ट्रॉनिक और ऑनलाइन) गेमिंग उद्योग में है। 1990 में यह कंपनी एक कपड़ा और रियल एस्टेट परामर्श कंपनी के रूप में स्थापित हुई थी। यह कैसीनो गेमिंग, ऑनलाइन गेमिंग, आतिथ्य और रियल एस्टेट जैसे विविध क्षेत्रों में विकसित हुई है।

अन्य गेमिंग कंपनियों पर भी असर

नाजारा टेक्नोलॉजीज (Nazara Technologies) के शेयरों में 2.58 प्रतिशत और ऑनमोबाइल ग्लोबल (OnMobile Global) के शेयरों में 1.12 प्रतिशत की गिरावट आई।

28 फीसदी का टैक्स असंवैधानिक- AIGF

ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने बार-बार सरकार और जीएसटी परिषद से अपने सेगमेंट पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने का आग्रह किया है, जो कि मंत्रियों के समूह (जीओएम) द्वारा 28 प्रतिशत का तय किया गया है।

ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (AIGF), जो नाजारा (Nazara), गेम्सक्राफ्ट (GamesKraft), जूपी (Zupee) और विंजो (Winzo) जैसी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है, ने कहा कि परिषद का निर्णय असंवैधानिक, तर्कहीन और घृणित है।

एआईजीएफ के सीईओ रोलैंड लैंडर्स ने कहा कि

यह निर्णय 60 वर्षों से अधिक स्थापित कानूनी न्यायशास्त्र की अनदेखी करता है और जुआ गतिविधियों के साथ ऑनलाइन कौशल गेमिंग को जोड़ता है। यह निर्णय पूरे भारतीय गेमिंग उद्योग को खत्म कर देगा और लाखों लोगों की नौकरियां चली जाएंगी और इसका लाभ केवल राष्ट्र-विरोधी अवैध अपतटीय प्लेटफॉर्म लोगों को मिलेगा।