डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट हब के लिए 5000 करोड़ के वित्तीय आवंटन की मांग, वैश्विक शिपिंग लाइन स्थापित करना भी जरूरी
फियो ने कहा है कि वस्तु निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए सभी राज्य व जिलों की भागीदारी को बढ़ाना होगा। 50 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट हब विकसित करने के लिए बजट में 5000 करोड़ का आवंटन करना चाहिए। वस्तु निर्यात में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी देश के सिर्फ पांच राज्यों की है। आइये इसके बारे में जानते हैं।
राजीव कुमार, नई दिल्ली। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) ने कहा है कि वस्तु निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए सभी राज्य व जिलों की भागीदारी को बढ़ाना होगा। इस काम के लिए सरकार को 50 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट हब विकसित करने के लिए बजट में 5000 करोड़ का आवंटन करना चाहिए।
वस्तु निर्यात में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी देश के सिर्फ पांच राज्यों की है। गुजरात अकेले वस्तु निर्यात में 30 प्रतिशत का योगदान देता है। 15 राज्य व केंद्रशासित प्रदेश ऐसे हैं जिनका वस्तु निर्यात में एक प्रतिशत से भी कम का योगदान है। इनकी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए जिला स्तर पर डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट हब विकसित करना जरूरी है।
500 जिलों में निर्यात प्रोत्साहन रणनीति तैयार
देश के 500 जिलों में निर्यात प्रोत्साहन रणनीति तैयार कर ली गई है, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर व निर्यात संबंधित अन्य सुविधाओं की कमी से रणनीति पर अमल नहीं हो पा रहा है। इसलिए सरकार की तरफ से एक जिला के लिए 100 करोड़ के फंड की घोषणा होनी चाहिए।आगामी एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी वित्त वर्ष 2024-25 के अंतरिम बजट की घोषणा करेंगी। फियो के कार्यवाहक अध्यक्ष इसरार अहमद ने बताया कि उन्होंने वित्त मंत्री से बजट में वैश्विक शि¨पग लाइन भी विकसित करने की घोषणा की मांग की है। ताकि शिपिंग के मद में भारतीय निर्यातकों के खर्च में कमी आए और देश का पैसा देश में ही रहे।
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