Demat Account का नहीं कर रहे इस्तेमाल, भरना पड़ेगा चार्ज, अकाउंट बंद करना है बेहतर ऑप्शन
स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए Demat Account जरूरी है। अगर कोई अकाउंट होल्डर डीमैट अकाउंट ओपन करके इसका इस्तेमाल नहीं करते हैं तो उनका अकाउंट इनएक्टिव हो जाता है और उन्हें लगातार मेंटेनेंस फीस भी देनी होती है। मेंटेनेंस फीस जैसे अनावश्यक खर्चों से बचने के लिए डीमैट अकाउंट को बंद करना एक अच्छा ऑप्शन है। इस आर्टिकल में जानते हैं कि डीमैट अकाउंट को कैसे बंद करें।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट (Demat Account) का होना अनिवार्य है। बिना डीमैट अकाउंट के इसमें निवेश नहीं कर सकते हैं। अगर निवेशक डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल काफी समय से नहीं करता है तो उसका अकाउंट बंद हो सकता है।
अकाउंट अगर एक्टिव नहीं है फिर भी निवेशक को मेंटेनेंस फीस का भुगतान करना होगा। अगर आप भी लॉन्ग टर्म से डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो आपको मेंटेनेंस फीस जैसे अनावश्यक खर्चों से बचने के लिए इसे बंद करवा देना चाहिए।
कितने समय के बाद बंद हो जाता है डीमैट अकाउंट
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के नियमों के अनुसार अगर 12 महीने यानी कि 1 साल तक ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) से किसी भी प्रकार की कोई ट्रेड नहीं होता है तो अकाउंट इनएक्टिव हो जाता है। स्टॉक ब्रोकर उस ट्रेडिंग या डीमैट अकाउंट को निष्क्रिय कर देता है। बता दें कि एनएसई द्वारा बनाए गए नियम अन्य स्टॉक एक्सचेंज पर भी लागू होते हैं।
डीमैट अकाउंट के निष्क्रिय हो जाने के बाद भी अकाउंट होल्डर को अकाउंट मेंटेनेंस चार्ज का भुगतान करना होता है। इस तरह के अनावश्यक खर्चों से बचने के लिए कई एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि अगर डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल नहीं हो रहा है तो अकाउंट को बंद कर दिया जाए।
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