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Demat Account: मल्टीपल डीमैट अकाउंट रखना है सही? यहां समझे फायदे और नुकसान

Demat Account स्टॉक या म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट का होना अनिवार्य है। कई बार निवेशक एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं। अब ऐसे में सवाल आता है कि क्या मल्टीपल डीमैट अकाउंट रखना कानूनी सही है? इसके अलावा एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट रखने के फायदे और नुकसान क्या हैं? इस आर्टिकल में इसका जवाब जानते हैं।

By Priyanka Kumari Edited By: Priyanka Kumari Updated: Sun, 24 Nov 2024 07:00 PM (IST)
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Demat Account: मल्टीपल डीमैट अकाउंट फायदे और नुकसान
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। शेयर बाजार या फिर म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट (Demat Account) होना जरूरी है। इसके बिना आप इन सब में इन्वेस्ट नहीं कर सकते हैं। आपको बता दें कि डीमैट अकाउंट का फुल फॉर्म Dematerialisation Account है।

आप अपने सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे- लैपटॉप, टैबलेट और स्मार्टफोन में आसानी से डीमैट अकाउंट को एक्सेस दे सकते हैं। हालांकि, इसके एक्सेस के लिए इंटरनेट का होना जरूरी है। इसके अलावा डीमैट अकाउंट में लॉग-इन करने के लिए हर बार लॉग-इन आईडी और पासवर्ड दर्ज करना होता है।

डीमैट अकाउंट को लेकर कई निवेशकों के मन में सवाल रहता है कि क्या एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट ओपन किया जा सकता है। अगर कोई निवेशक एक से ज्यादा अकाउंट खोलता है तो उसके क्या फायदे और नुकसान है। हम आपको नीचे इन सभी सवालों का जवाब देंगे।

क्या एक से ज्यादा अकाउंट ओपन कर सकते हैं?

बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने अभी डीमैट अकाउंट को लेकर कोई गाइडलाइन जारी नहीं की है। इसका मतलब है कि अभी एक यूजर के पास कितना डीमैट अकाउंट होगा इसको लेकर कोई नियम नहीं है। हालांकि, यह जरूरी है स्टॉक या बाजार से जड़े फंड में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य है।

मल्टीपल डीमैट अकाउंट के फायदे

एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट होने के फायदे ज्यादा नहीं है। बल्कि ये एक टेंशन भरा काम हैं, क्योंके एक साथ कई अकाउंट को मैनेज करना काफी मुश्किल हो जाता है। हालांकि, अगर आप अलग-अलग ब्रोकरेज फर्म का डीमैट अकाउंट ओपन करवाते हैं तब आप कई सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा आप दो अकाउंट होने के कारण अलग तरह के निवेश भी कर सकते हैं।

आप चाहें तो दो अकाउंट में से एक अकाउंट को लॉन्‍ग टर्म ट्रांजैक्शन और दूसरे अकाउंट को शॉर्ट टर्म के ट्रांजैक्शन के लिए उपयोग कर सकते हैं। हालांकि, इसमें आपको शेयर्स की खरीद-बिक्री को लेकर कन्फ्यूजन भी रह सकती है। हालांकि, मल्टीपल अकाउंट होने के बाद आप अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई कर सकते हैं।

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मल्टीपल डीमैट के नुकसान

ज्यादा डीमैट अकाउंट होने पर मेंटेनेंस का खर्च बढ़ जाता है। दरअसल, ब्रोकरेज फर्म ट्रेडिंग के लिए ट्रांसफर फीस लेते हैं। ऐसे में एक से ज्यादा अकाउंट होने पर यह फीस बढ़ सकती है क्योंकि हर ब्रोकरेज फर्म का नियम अलग होता है। ऐसे में अगर आप एक्टिव इन्वेस्टर नहीं हैं तो आपको मल्टीपल डीमैट अकाउंट नहीं रखना चाहिए। दरअसल, एक से ज्यादा अकाउंट को ट्रैक करना भी थोड़ा मुश्किल होता है।

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