शेयर बाजार में निवेशकों की आई बाढ़, अगस्त में Demat Account 26 फीसद बढ़कर 12 करोड़ के पार
शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों के पास डीमैट अकाउंट का होना बहुत जरूरी है। वह इस अकाउंट के बिना शेयर बाजार में निवेश नहीं कर सकते हैं। देश में शेयर बाजार के निवेशकों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। डीमैट अकाउंट को लेकर एक आंकड़ें जारी हुए हैं। इन आंकड़ों के अनुसार अगस्त में 26 फीसदी नए खाते ओपन हुए हैं।
By AgencyEdited By: Priyanka KumariUpdated: Mon, 25 Sep 2023 05:24 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। शेयर बाजार में निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट या ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए। बिना इन अकाउंट के कोई भी निवेशक शेयर बाजार में निवेश नहीं कर सकता है। हाल ही में डीमैट अकाउंट के आंकड़ें जारी हुए हैं। इन आंकड़ों के अनुसार अगस्त महीने में डीमैट अकाउंट की संख्या 12.7 करोड़ हो गई है। यह वार्षिक आधार पर 26 फीसदी की तेजी आई है। इस बढ़त की मुख्य वजह शेयर बाजार से मिलने वाले रिटर्न को माना जा रहा है।
आज के समय में हर कोई अपनी सेविंग को बढ़ाने की इच्छा रखता है। इस सेविंग को बढ़ाने का सबसे अच्छा ऑप्शन शेयर बाजार है। भले ही शेयर बाजार में जोखिम का खतरा बना रहता है फिर भी निवेशक इसमें निवेश करना काफी पसंद करते हैं।
आपको बता दें कि जुलाई महीने की तुलना में अगस्त में ज्यादा डीमैट अकाउंट की संख्या दर्ज हुई है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के एक विश्लेषण के अनुसार चाली वित्व वर्ष में डीमैट अकाउंट में हर महीने 21 लाख से ज्यादा बढ़त देखने को मिलती है। जुलाई में 4.1 फीसदी डीमैट अकाउंट की वृद्धि देखने को मिली थी। इसका मतलब है कि लगभग 31 लाख नए डीमैट अकाउंट ओपन हुए थे।
साथ ही, पिछले महीने की तुलना में अगस्त में ऐसे खातों की वृद्धिशील वृद्धि अधिक थी। इसके अलावा, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के एक विश्लेषण के अनुसार, यह वित्तीय वर्ष FY23 में औसत 21 लाख मासिक वृद्धि से कहीं अधिक था।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के आंकड़ों से पता चलता है कि अगस्त के अंत में कुल 12.7 करोड़ में से 3.3 करोड़ और 9.35 करोड़ डीमैट खाते एनएसडीएल और सीडीएसएल के साथ पंजीकृत थे। बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि डीमैटेरियलाइज्ड (डीमैट) खातों में बढ़ोतरी इक्विटी बाजारों से आकर्षक रिटर्न और ब्रोकर द्वारा अपने ग्राहकों को खाता खोलने की प्रक्रिया में आसानी के कारण हुई है। इसके अलावा बढ़ी हुई वित्तीय साक्षरता और युवाओं के बीच व्यापार की बढ़ती लोकप्रियता ने भी इसकी वृद्धि में योगदान दिया है।