व्यापार में सुधार के बावजूद गति नहीं पकड़ रही चीन की अर्थव्यवस्था, 18 अक्टूबर को जारी किए जाएंगे विकास दर के आंकड़े
कमजोर उपभोक्ता और व्यापारिक मांग के कारण चीन की अर्थव्यवस्था मंदी में बनी हुई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार उपभोक्ता कीमतें एक साल पहले की तुलना में सितंबर में स्थिर रहीं जबकि थोक कीमतें 2.5 प्रतिशत गिर गईं। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कोरोनो वायरस महामारी के झटके से जूझ रही है जो क्षेत्रीय और वैश्विक विकास को प्रभावित कर रही है।
एपी: उपभोक्ता और व्यवसायों की तरफ से कमजोर मांग के चलते चीन की अर्थव्यवस्था में मंदी बनी हुई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने कहा कि सितंबर में उपभोक्ता कीमतें एक साल पहले की तुलना में स्थिर रहीं जबकि थोक कीमतों में 2.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
चीन के आयात और निर्यात में कमी
विदेशी बाजारों में मांग घटने से पिछले महीने निर्यात और आयात दोनों में गिरावट दर्ज की गई। कोरोना महामारी के झटके से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की लड़खड़ाती रिकवरी क्षेत्रीय और वैश्विक विकास पर असर डाल रही है। हालांकि अर्थशास्त्रियों का मानना है कि सबसे बुरा दौर बीत चुका है।
मैन्यूफैक्चरिंग में सुधार के संकेत
व्यापार में पिछले महीने की तुलना में थोड़ा सुधार हुआ है और मैन्यूफैक्चरिंग में सुधार के संकेत दिख रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी चीन के विकास दर के अनुमान में कटौती की है। उसका मानना है कि कैलेंडर वर्ष 2023 में चीन की अर्थव्यवस्था पांच प्रतिशत की दर से बढ़ेगी जबकि 2024 में इसके 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
अर्थशास्त्रियों का अनुमान दूसरी तिमाही में 4.4 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ेगी चीन की अर्थव्यवस्था
कमजोर होते उपभोक्ता विश्वास और कमजोर वैश्विक मांग के साथ रियल एस्टेट सेक्टर में आई मंदी इसके लिए मुख्य जिम्मेदार है।
चीन 18 अक्टूबर को विकास दर के आंकड़े पेश करेगा और अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि जुलाई-सितंबर में अर्थव्यवस्था 4.4 प्रतिशत की वार्षिक गति से बढ़ेगी।
यह पिछली तिमाही के 6.3 प्रतिशत के मुकाबले काफी कम है। शुक्रवार के आंकड़ों से पता चला है कि सितंबर में खाद्य कीमतों में 3.2 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि पोर्क की कीमत एक साल पहले की तुलना में 22 प्रतिशत कम हो गई है।