Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

DGCA ने UDAAN स्कीम के तहत सीप्लेन परिचालन के नियमों को किया आसान, बढेंगे रोजगार के अवसर

DGCA ने एक बयान में कहा कि संशोधित मानदंड बुनियादी ढांचे की प्रक्रियाओं पायलट प्रशिक्षण आवश्यकताओं और विनियामक अनुपालन को सुव्यवस्थित करेंगे। इससे दूरदराज के क्षेत्रों तक सीप्लेन सेवाओं के पहुंचने का मार्ग प्रशस्त होगा। अपडेटेडेट नॉर्म्स के तहत कमर्शियल पायलट लाइसेंस (सीपीएल) वाले पायलट अब वैश्विक स्तर पर किसी भी आईसीएओ-मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण संगठन से ट्रेनिंग ले सकते हैं।

By Agency Edited By: Ram Mohan Mishra Updated: Thu, 20 Jun 2024 01:22 PM (IST)
Hero Image
DGCA ने सीप्लेन परिचालन के नियमों आसान बनाया है।

पीटीआई, नई दिल्ली। विमानन नियामक DGCA ने गुरुवार को कहा कि उसने सरकार की प्रमुख क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना UDAAN के तहत सीप्लेन संचालन से संबंधित मानदंडों को आसान बनाया है। नागरिक विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने एक बयान में कहा कि अपडेटेड नॉर्म्स बुनियादी ढांचे की प्रक्रियाओं, पायलट प्रशिक्षण आवश्यकताओं और विनियामक अनुपालन को सुव्यवस्थित करेंगे। इससे दूरदराज के क्षेत्रों तक सीप्लेन सेवाओं के पहुंचने का मार्ग प्रशस्त होगा।

नए नियमों में क्या बदला? 

संशोधित नियमों में सीप्लेन संचालन के लिए आसान प्रशिक्षण आवश्यकताओं और सरलीकृत अनुमोदन प्रक्रियाओं को शामिल किया जाएगा। कहा गया है कि डीजीसीए कार्य समूह द्वारा उक्त विनियामक ढांचे के युक्तिकरण और संशोधन की सिफारिश के अनुसार संशोधित नियम लागू किए गए हैं।

यह भी पढ़ें- सरकार ने वित्त वर्ष 24 में 1.56 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति का किया मुद्रीकरण , 1.8 लाख करोड़ का था लक्ष्य

अपडेटेडेट नॉर्म्स के तहत, कमर्शियल पायलट लाइसेंस (सीपीएल) वाले पायलट अब वैश्विक स्तर पर किसी भी आईसीएओ-मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण संगठन में प्रशिक्षण लेकर सीप्लेन-रेटेड पायलट के रूप में क्वालिफिकेशन  प्राप्त कर सकते हैं।

रोजगार की बढ़ेगी संभावना 

इसके अतिरिक्त, सहायक भूमिकाओं के लिए नए प्रशिक्षण अवसरों से देश भर में सीप्लेन हब में रोजगार की संभावना बढ़ेगी। नियामक ने कहा कि 2008 में शुरू में स्थापित, सीप्लेन संचालन के लिए विनियामक ढांचे की समीक्षा लंबे समय से लंबित थी, सभी हितधारकों के साथ सहयोगात्मक प्रयासों ने यह सुनिश्चित किया है कि नए नियम उनकी प्रमुख चिंताओं को संबोधित करते हैं।

यह भी पढें- भारत सरकार इन देशों को निर्यात करेगी 2,000 टन गैर-बासमती चावल