DHFL Scam: CBI ने 34,000 करोड़ रुपये के फ्रॉड करने वाली कंपनी पर लिया एक्शन, गिरफ्तार हुए पूर्व डायरेक्टर धीरज वधावन
डीएचएफएल (Dewan Housing Finance Corporation Ltd) पर 34000 करोड़ रुपये का धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। इस मामले के तहत सीबीआई ने डीएचएफएल के पूर्व डायरेक्टर धीरज वधावन को गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई ने वर्ष 2022 में डीएचएफएल फ्रॉड को लेकर आरोपपत्र दायर किया था। माना जा रहा है कि यह अभी तक का सबसे बड़ा बैंकिंग फ्रॉड है।
पीटीआई, नई दिल्ली। DHFL Scam: डीएचएफएल (Dewan Housing Finance Corporation Ltd) के पूर्व डायरेक्टर धीरज वधावन को सीबीआई (CBI) ने गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल, वधावन को 34,000 करोड़ रुपये के फ्रॉड मामले के तहत गिरफ्तार किया गया है। इसकी जानकारी अधिकारियों द्वारा दी गई।
अधिकारियों ने बताया कि सोमवार के शाम को धीरज वधावन गिरफ्तार हो गए थे। वधावन की गिरफ्तारी मुंबई में हुई है। इसके बाद उन्हें मंगलवार को दिल्ली के विशेष अदालत में पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला लिया है।
क्या है पूरा मामला
सीबीआई ने 15 अक्टूबर, 2022 को कपिल और धीरज सहित 75 संस्थाओं के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। इसके बाद डीएचएफएल के पूर्व निदेशक और उनके भाई कपिल को इस मामले में पहले 19 जुलाई, 2022 को गिरफ्तार किया गया था।, लेकिन बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।विशेष अदालत से 3 दिसंबर, 2022 को इस आधार पर "वैधानिक" जमानत दी गई थी कि जांच अधूरी थी और दायर आरोप पत्र टुकड़ों में था। इस आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट ने भी बरकरार रखा था। सीबीआई ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसने जमानत आदेशों को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि विशेष न्यायालय के साथ-साथ उच्च न्यायालय ने शीर्ष अदालत द्वारा प्रतिपादित और तय की गई कानूनी स्थिति की अवहेलना करके "कानूनी रूप से गंभीर त्रुटि की"।
इस बीच धीरज वधावन को बॉम्बे हाई कोर्ट से मेडिकल आधार पर एक अलग मामले में अंतरिम जमानत मिल गई क्योंकि वह इलाज के लिए लीलावती अस्पताल में भर्ती थे। बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस साल 2 मई को उस मामले में जमानत को नियमित कर दिया था और सीबीआई गिरफ्तारी से उनकी सुरक्षा भी एक सप्ताह के लिए बढ़ा दी थी।अब सुरक्षा अवधि समाप्त होने के बाद सीबीआई ने वधावन को गिरफ्तार कर लिया। वर्तमान में, तीन आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं - धीरज वधावन और उनके भाई कपिल वधावन और अजय नवांदर।
सीबीआई ने 17-सदस्यीय लेंडर संघ के नेता यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank Of India) की शिकायत पर वधावन और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसने 2010 और 2018 के बीच डीएचएफएल को 42,871 करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधाएं दी थीं।सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में आरोप लगाया है कि कपिल और धीरज वधावन ने दूसरों के साथ आपराधिक साजिश में, तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया और छुपाया। इसके अलावा धन का दुरुपयोग करके कंसोर्टियम को 34,615 करोड़ रुपये का चूना लगाया।
सीबीआई ने डीएचएफएल बैंक के खिलाफ 17 बैंकों के कंसोर्टियम से 34,000 करोड़ रुपये के फ्रॉड का मामला दर्ज किया था। माना जा रहा है कि यह अभी तक का सबसे बड़ा बैंक फ्रॉड मामला है।