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NPS के टियर- I और टियर- II खातों को लेकर दूर करें कंफ्यूजन, टैक्स में बचत के साथ होंगे बड़े फायदे

National Pension Scheme नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में अकांउट खोलते समय लोगों के मन में हमेशा कंफ्यूजन रहता है कि टियर - I और टियर- II में से कौन-सा खाता खोलना चाहिए। इसके बारे में विस्तार से हम अपने लेख में बताने जा रहे हैं।

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Tue, 27 Dec 2022 10:15 PM (IST)
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Difference Between NPS tier one and tier two account (Jagran File Photo)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। रिटायरमेंट की प्लानिंग जितनी जल्दी शुरु हो जाए, उतना ही अच्छा माना जाता है। रिटायरमेंट के लिए फंड जमा करने के काफी सारे प्लान्स बाजार में मौजूद है, लेकिन नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme -NPS) इन सभी में सबसे भरोसेमंद माना जाता है। सरकारी होने की वजह यह पूर्णता सुरक्षित माना जाता है और आपका पैसा डूबने का भी खतरा नहीं रहता है।

एनपीएस खाते के दो प्रकार के होते हैं, पहला टियर - I और दूसरा टियर- II। एनपीएस खुलवाते समय लोगों के मन में इस सवाल को लेकर अक्सर कंफ्यूजन रहता है कि उन्हें कौन-सा खाता खुलवाना चाहिए। टियर - I उनके लिए अधिक लाभदायक होता है या फिर टियर- II।

कौन खुलवा सकता है NPS खाता?

एनपीएस को देश का कोई भी 18 से लेकर 60 साल तक का कोई भी व्यक्ति खुलवा सकता है। यह एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान है। आप ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन एनपीएस खाता खोल सकते हैं।

NPS के टियर - I और टियर- II खातों में अंतर

एनपीएस में निवेश करने के लिए सबसे पहले आपको टियर - I खाता खुलवाना जरूरी होता है। बिना इसके आप एनपीएस ही नहीं कर सकते हैं। टियर - I खाता 1000 रुपये के न्यूनतम निवेश के साथ खोल सकते हैं। इसेक बाद ही आप टियर- II खाता खोल सकते हैं।

टियर - I और टियर- II खातों में सबसे बड़ा अंतर यह है कि टियर- II खातों में आप अपने मन मुताबिक जमा और निकासी कर सकते हैं। इसके लिए सरकार की ओर से कोई भी सीमा नहीं तय की गई है। वहीं, एनपीएस टियर-I में ऐसी कोई भी व्यवस्था नहीं है। इसमें आप रिटायरमेंट के बाद अधिकतम 60 प्रतिशत की रकम ही निकाल सकते हैं। बाकी की रकम आपको पेंशन देने के लिए अपने आप एनुटी में चली जाती है, जिससे आपको हर महीने पेंशन दी जाती है।

NPS में टैक्स छूट

अगर आप एनपीएस के टियर -I खाते में एक वित्त वर्ष में 1.50 लाख रुपये तक जमा करने पर आयकर की धारा 80 सी के तहत छूट मिलती है। वहीं, निकासी में मिलने वाली सारी रकम भी टैक्स फ्री होती है, जबकि टियर -II खाते में ऐसी कोई भी सुविधा नहीं दी जाती है।

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