Tax Exemption, Deductions और Rebate में क्या है अंतर? ITR फाइल करने से पहले जानें सभी बातें,टैक्स में होगी बचत
अगर आप भी आकलन वर्ष (AY) 2023-24 के लिए आईटीआर फाइल करने वाले हैं तो आपके लिए यह महत्वपूर्ण खबर है। आपको 31 जुलाई से पहले अपना आईटीआर फाइल करना है। अगर आप भी टैक्स में छूट पाना चाहते हैं तो आपको टैक्स छूट टैक्स रिबेट और टैक्स डिडक्शन में अंतर पता होना चाहिए। आज हम आपको इन तीनों के बीच क्या अंतर है यह बता रहे हैं।
By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Fri, 30 Jun 2023 09:00 AM (IST)
नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क: आज जून महीने का आखिरी दिन और कल से जुलाई का महीना शुरू होने वाला है। जुलाई इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने का आखिरी महीना है। आपके पास आईटीआर फाइल करने के लिए 31 जुलाई तक का समय है।
ऐसे में अगर आपको भी टैक्स में छूट चाहिए तो आपको छूट, रिबेट और डिडक्शन में क्या अंतर होता है यह पता होना चाहिए। सामान्य तौर पर छूट, रिबेट और डिडक्शन टैक्स में छूट मिलने वाले पर्यायवाची शब्दों के रूप में जाने जाते हैं और लोग भी अकसर इसी एक जैसा ही समझते हैं। लेकिन आपको बता दें कि इन तीनों का अर्थ अलग होता है जो आपको आईटीआर फाइल करने से पहले जान लेना चाहिए।
क्या होता है टैक्स छूट (Tax Exemption)?
टैक्स छूट का मतलब यह है कि आय के एक निश्चित स्तर तक कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा। वर्तमान में, कुल 2.5 लाख रुपये की सालाना आय तक इनकम टैक्स में छूट मिलती है। मान लीजिए की कोई व्यक्ति एक साल में 2.5 लाख रुपये कमा रहा है, तो उसे किसी भी प्रकार का कोई इनकम टैक्स देने की जरूरत नहीं है।लेकिन अगर कोई व्यक्ति 3 लाख रुपये कमा रहा है तो उसे सिर्फ 50,000 रुपये पर ही टैक्स देना होगा। टैक्स छूट को टैक्स से पूर्ण राहत माना जा सकता है और इसका दावा आय के विशिष्ट भागों से किया जाता है, न कि ग्रॉस टोटल इनकम से।
आयकर अधिनियम, 1961 के तहत हाउस रेंट एलाउंस (HRA) जैसे वेतन मद के तहत आय और पूंजीगत लाभ मद के तहत आय से विभिन्न छूट दी गई है, जो कुछ मानदंडों के आधार पर कर-मुक्त है। वेतन आय की गणना करते समय मकान किराया भत्ता, अवकाश यात्रा भत्ता और मोबाइल फोन और लैपटॉप जैसी सुविधाएं छूट की श्रेणी में आएंगी। इसी तरह की छूट आय की अन्य श्रेणियों के लिए भी मौजूद है।