Digital Currency: यूपीआई से अलग होगा डिजिटल रुपया, इस तरह कर सकते हैं लेन-देन
Digital Rupee डिजिटल मुद्रा में गोपनीयता को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। आरबीआई इन सभी चिंताओं को दूर करने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए तकनीकी और कानूनी समाधान तलाशने की कोशिश भी की जा रही है।
By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Thu, 08 Dec 2022 01:10 PM (IST)
मुंबई, बिजनेस डेस्क। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि डिजिटल रुपया यूपीआई से भिन्न होगा। क्योंकि यूपीआई से होने वाला भुगतान बैंक के माध्यम से होता है जबकि डिजिटल करेंसी या रुपए का भुगतान एक वैलेट से दूसरे वैलेट में होता है और इसमें किसी तीसरे की कोई भूमिका नहीं होती है। गत एक दिसंबर से आरबीआई की तरफ से डिजिटल रुपए के खुदरा इस्तेमाल का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है।
शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय बैंक की Digital Currency से किसी को कोई खतरा नहीं है। लोगों को इससे डरने की कोई जरूरत नहीं है। दास ने पोस्ट-पॉलिसी प्रेस मीट में संवाददाताओं से कहा कि होलसेल सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) पर पायलट प्रोजेक्ट बहुत संतोषजनक रहा है। उन्होंने कहा कि RBI खुदरा Digital Rupee के लिए चल रहे पायलट से सीख लेने और उन्हें लागू करने का इच्छुक है।
डिजिटल करेंसी को लेकर प्रवर्तन निदेशालय जैसी एजेंसियों द्वारा संभावित छापे पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए शक्तिकांत दास ने कहा कि Digital Currency के पास कागजी मुद्रा वाली गुमनामी नहीं है। बैंकों के पास डिजिटल करेंसी खरीदने वाले हर व्यक्ति का रिकॉर्ड रहेगा और किसी को भी गोपनीयता की चिंताओं से डरना नहीं चाहिए।
यूपीआई से अलग होगा डिजिटल रुपया
आरबीआई की तरफ से यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि पेपर नोट के भुगतान के मामले में जो नियम लागू होते हैं, वहीं नियम डिजिटल रुपए के भुगतान में लागू होंगे। जैसे कि एक निश्चित सीमा के बाद डिजिटल रुपए के भुगतान पर भी पैन कार्ड देना होगा और पेपर नोट की तरह ही एक सीमा तक ही डिजिटल रुपए से भुगतान किया जा सकेगा। दास ने कहा कि डिजिटल रुपए की प्रमुख खासियत यही होगी कि इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं होगी। उन्होंने कहा कि पेपर नोट का जब आपस में लेनदेन करते हैं तो तीसरे व्यक्ति को यह पता नहीं चलता है कि किसे रुपए दिए गए हैं क्योंकि यह सूचना बैंक के पास भी नहीं है। ऐसे ही डिजिटल रुपए में होगा।इस तरह काम करेगी डिजिटल करेंसी
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि यूपीआई के माध्यम से लेन-देन में बैंक इंटरमीडिएरीज का काम करता है। उन्होंने कहा कि पेपर नोट के लिए ग्राहक बैंक जाता है, नोट बैंक से लेता है और अपने पर्स में रखकर चला जाता है। ठीक वैसे ही, डिजिटल करेंसी के लिए ग्राहक बैंक जाएगा, करेंसी लेगा और अपने मोबाइल फोन वैलेट में रखकर चला जाएगा और उससे भुगतान कर सकेगा।यूपीआई भुगतान एक बैंक से दूसरे बैंक में है जबकि डिजिटल रुपए से होने वाला भुगतान नकद भुगतान की तरह है। डिजिटल रुपए का भुगतान दो वैलेट के बीच होगा, इसलिए इसका पता तीसरे को नहीं चलेगा। फिलहाल देश के चार शहरों में खुदरा भुगतान के लिए डिजिटल रुपए का सीमित चलन शुरू किया गया है। चार बैंकों को डिजिटल रुपया देने के लिए अधिकृत किया गया है।