Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

RBI Report: तूफानी रफ्तार से बढ़ रही डिजिटल इकोनॉमी, अगले दो साल में हो जाएगी डबल

आरबीआई का कहना है कि प्रमुख एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) ने अंतिम उपयोगकर्ताओं के लिए खुदरा भुगतान अनुभव में क्रांति ला दी है। इससे लेन-देन तेज और अधिक सुविधाजनक हो गया है। डिजिटल मुद्रा क्षेत्र में आरबीआई ई-रूपी केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा के पायलट परीक्षण के साथ सबसे आगे है। आरबीआई 90 सालों की यात्रा के बारे में बताने के लिए वेब सीरीज लाने की योजना भी बना रहा है।

By Agency Edited By: Suneel Kumar Updated: Mon, 29 Jul 2024 07:31 PM (IST)
Hero Image
2023 में भारत में इंटरनेट की पहुंच सिर्फ 55 प्रतिशत थी।

पीटीआई, मुंबई। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था 2026 तक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 20 प्रतिशत हो जाएगी। अभी यह जीडीपी का 10 प्रतिशत है।

गवर्नर ने 2023-24 के लिए मुद्रा और वित्त (आरबीएफ) पर रिपोर्ट की प्रस्तावना में इस बात पर जोर दिया कि वित्तीय क्षेत्र में डिजिटलीकरण से अगली पीढ़ी की बैंकिंग का रास्ता खुल रहा है। उन्होंने कहा कि इससे सस्ती लागत पर वित्तीय सेवाओं तक पहुंच बेहतर हो रही है। उन्होंने कहा कि ये सभी नवाचार वित्तीय बाजारों को अधिक कुशल और एकीकृत बना रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत डिजिटल क्रांति में सबसे आगे है। देश ने न केवल डिजिटल भुगतान में तेजी लाकर वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) को अपनाया है, बल्कि बायोमीट्रिक पहचान, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई), मोबाइल कनेक्टिविटी, डिजिटल लाकर और सहमति के आधार डाटा भी साझा कर रहे हैं।

2023 में भारत में इंटरनेट की पहुंच 55 प्रतिशत थी, लेकिन हाल के तीन वर्षों में इंटरनेट यूजर की संख्या में 19.9 करोड़ की वृद्धि हुई है। भारत में प्रति गीगाबाइट (जीबी) डेटा की कीमत दुनियाभर में सबसे कम है। यह औसतन 13.32 रुपये प्रति जीबी है।

यूपीआई ने खुदरा भुगतान क्षेत्र में क्रांति ला दी

रिपोर्ट की प्रस्तावना में आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा कि प्रमुख एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआइ) ने अंतिम उपयोगकर्ताओं के लिए खुदरा भुगतान अनुभव में क्रांति ला दी है। इससे लेन-देन तेज और अधिक सुविधाजनक हो गया है। डिजिटल मुद्रा क्षेत्र में आरबीआइ ई-रूपी, केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) के पायलट परीक्षण के साथ सबसे आगे है।

डिजिटल ऋण पारिस्थितिकी तंत्र ओपन क्रेडिट इनेबलमेंट नेटवर्क, डिजिटल कामर्स के लिए ओपन नेटवर्क और सुविधाजनक कर्ज के लिए सार्वजनिक प्रौद्योगिकी मंच जैस पहलों के साथ मजबूत हो रहा है। उन्होंने कहा कि वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) कंपनियां ऋण सेवा प्रदाताओं के रूप में बैंकों और गैर-बैं¨कग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के साथ सहयोग कर रही हैं। वे डिजिटल ऋण की सुविधा के लिए मंच भी संचालित कर रहे हैं।

अपने इतिहास पर वेब सीरीज लाएगा आरबीआई

आरबीआई 90 सालों की यात्रा के बारे में लोगों को बताने के लिए पांच एपिसोड की वेब सीरीज लाने की योजना बना रहा है। यह वेब सीरीज लगभग तीन घंटे की होगी, जिसमें प्रत्येक एपीसोड 25-30 मिनट के होंगे। 1935 में स्थापित आरबीआइ ने इस साल अप्रैल में 90 साल पूरे किए हैं।

आरबीआई के 90 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में ई-टेंडरिंग के माध्यम से बोलियां आमंत्रित करने वाले दस्तावेज में कहा गया है, 'बैंक लगभग 25-30 मिनट के पांच एपिसोड की एक वेब सीरीज बनाने का इच्छुक है, जिसे राष्ट्रीय टीवी चैनलों या ओटीटी प्लेटफार्म पर प्रसारित किया जाएगा। पांच-एपिसोड की यह सीरीज अर्थव्यवस्था में केंद्रीय बैंक की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में लोगों की समझ बढ़ाने का काम करेगी।'

यह भी पढ़ें : डेडलाइन के बाद ITR भरने के नुकसान: 5 हजार रुपये तक लग सकता है जुर्माना, रिफंड मिलने में भी होती है झंझट