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Digital Rupee: देश को मिली अपनी डिजिटल करेंसी, पायलट प्रोजेक्ट के पहले दिन अरबों रुपये का कारोबार

देश में डिजिटल करेंसी के युग का सूत्रपात हो गया है। आरबीआई ने ई-रुपये का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिया है। डिजिटल करेंसी को नकदी हस्तांतरण की तरह सुरक्षित और गोपनीय बनाने के विकल्प का भी ध्यान रखा गया है।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Thu, 03 Nov 2022 05:54 PM (IST)
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Digital Rupee: RBI Launches first pilot of digital Currency
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Digital Rupee: RBI ने मंगलवार को देश की पहले डिजिटल करेंसी को लॉन्च कर दिया है। पायलट प्रोजेक्ट के जरिए विशिष्ट उपयोग के लिए डिजिटल रुपये का शुभारंभ हो गया है। डिजिटल रुपये का इस्तेमाल फिलहाल केवल थोक लेन-देन के लिए होगा।

आरबीआई के मुताबिक नौ बैंकों को फिलहाल डिजिटल रुपये में ट्रांजैक्शन की इजाजत दी गई है। इन बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी शामिल हैं। आरबीआई ने डिजिटल मुद्रा को व्यापक बनाने के लिए पिछले साल अक्टूबर में सरकार को प्रस्ताव दिया था।

पहले दिन कितना हुआ कारोबार

ई-रुपये का उपयोग करके पहले दिन 2.75 अरब रुपये के बांड में ट्रेडिंग की गई। पहले दिन पांच साल और 10 साल के बॉन्ड का कारोबार हुआ। केंद्रीय बैंक ने मंगलवार को अपनी डिजिटल मुद्रा का पायलट कार्यक्रम शुरू किया, जिससे चुनिंदा बैंकों को सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक-बाजार लेनदेन के निपटान के लिए इसका उपयोग करने की अनुमति मिली।

क्लियरिंग कॉर्प ऑफ इंडिया लिमिटेड के आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय डिजिटल मुद्रा के जरिए बैंकों ने पहले दिन 2.75 अरब रुपये (33.3 मिलियन डॉलर) के बॉन्ड का कारोबार किया। डिजिटल करेंसी में भाग लेने वाले बैंकों 2027 बॉन्ड में 1.4 अरब रुपये के 24 ट्रेड्स को अंजाम दिया। 2032 बॉन्ड में कुल 23 ट्रेड्स के जरिए 1.3 अरब रुपये का लेन-देन किया गया।

बजट में किया गया था एलान

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले घोषणा की थी कि RBI 2022-23 में CBDC को लॉन्च करेगा। यह केंद्र सरकार की तरफ डिजिटल मुद्रा के लॉन्च पर पहला आधिकारिक बयान था। वित्त मंत्री ने कहा था कि CBDC की शुरूआत डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी और यह ब्लॉकचेन पर आधारित होगी।

क्या है आरबीआई की योजना

डिजिटल रुपये के पायलट प्रोजेक्ट को कुछ खास स्थलों पर चयनित ग्राहकों और कारोबारियों के बीच एक महीने तक चलाया जाएगा। इससे जुड़ी विस्तृत जानकारी बाद में दी जाएगी। इससे मिली सीख और अनुभव के आधार पर इसका विस्तार करने की संभावना जताई गई है। केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा है कि थोक में डिजिटल रुपये के प्रयोग से प्रतिभूति बाजार में इंटर बैंकिंग लेन-देन और ज्यादा प्रभावशाली बन सकेगी। दूसरे लेन-देन में भी थोक लेन-देन की तरह डिजिटल रुपये का इस्तेमाल शुरू किया जाएगा।

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