Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

ब्याज दरों पर फेडरल रिजर्व के फैसले से तय होगी बाजार की दिशा, विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार पर भरोसा बढ़ा

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के रिसर्च हेड संतोष मीणा ने कहा यह सप्ताह वैश्विक संकेतों के लिहाज से महत्वपूर्ण है। इस दौरान अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों की समीक्षा के फैसले आएंगे। बाजार के लिहाज से ये सबसे महत्वपूर्ण घटनाएं होंगी।

By AgencyEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Sun, 11 Dec 2022 08:17 PM (IST)
Hero Image
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफपीआइ) ने इस महीने अब तक शेयर बाजारों में 4,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

नई दिल्ली, पीटीआई। स्थानीय शेयर बाजारों की चाल इस सप्ताह मुख्य रूप से व्यापक आर्थिक आंकड़ों और अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों पर फैसले से तय होगी। औद्योगिक उत्पादन और खुदरा महंगाई दर के आंकड़े सोमवार को जारी होंगे। इसके अलावा थोक मुद्रास्फीति के आंकड़े बुधवार को आएंगे।

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के रिसर्च हेड संतोष मीणा ने कहा, 'यह सप्ताह वैश्विक संकेतों के लिहाज से महत्वपूर्ण है। इस दौरान अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों की समीक्षा के फैसले आएंगे। बाजार के लिहाज से ये सबसे महत्वपूर्ण घटनाएं होंगी।'

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड ने कहा

इसके अलावा चीन से आने वाली खबरें, कच्चे तेल की कीमतों का उतार-चढ़ाव और डालर सूचकांक अन्य महत्वपूर्ण कारक होंगे। वहीं जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, 'आरबीआइ ने उम्मीद के मुताबिक नीतिगत दरों में 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है, जबकि आगामी बैठक में दरों में और वृद्धि का संकेत दिया है।' नायर ने कहा कि रूसी तेल पर नए प्रतिबंधों के चलते वैश्विक तेल बाजारों में अस्थिरता बढ़ी है।

विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार पर भरोसा बढ़ा

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफपीआइ) ने इस महीने अब तक शेयर बाजारों में 4,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इससे पिछले महीने भी एफपीआइ ने 36,200 करोड़ रुपये की लिवाली की थी। हालांकि, फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों पर निर्णय से पहले पिछले चार सत्रों में एफपीआइ ने शेयरों से 3,300 करोड़ रुपये निकाले हैं। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि आगे चलकर एफपीआइ सिर्फ कुछ अच्छा प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों में मामूली खरीद करेंगे।

उन्होंने कहा कि चीन और दक्षिण कोरिया जैसे सस्ते बाजारों में एफपीआइ अधिक पैसा लगा सकते हैं। मार्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले चार सत्रों में एफपीआई की बिकवाली की वजह संभवत: फेडरल रिजर्व की आगे होने वाली बैठक है। फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की इस साल के लिए अंतिम बैठक 13-14 दिसंबर को होनी है।

सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से पांच कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 1.67 लाख करोड़ रुपये घटा

सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से पांच कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह सामूहिक रूप से 1,67,602.73 करोड़ रुपये की गिरावट आई। सप्ताह के दौरान जहां रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), इन्फोसिस, भारती एयरटेल और आइसीआइसीआइ बैंक के बाजार मार्केट कैप में गिरावट आई, वहीं हिंदुस्तान यूनिलीवर, एचडीएफसी बैंक, अडाणी एंटरप्राइजेज, एसबीआई और एचडीएफसी के मूल्यांकन में बढ़ोतरी हुई। समीक्षाधीन सप्ताह में रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 76,821.01 करोड़ रुपये घटकर 17,65,173.47 करोड़ रुपये रह गया। टीसीएस का बाजार मूल्यांकन 53,641.69 करोड़ रुपये के नुकसान से 12,04,797.55 करोड़ रुपये रहा।

यह भी पढ़ें- RTI: जवाब देने के लिए मांगे 14 लाख रुपए, कहीं थमा दिए अपठनीय दस्तावेज

यह भी पढ़ें - Fact Check : गुजरात में बुलेट ट्रेन के नाम पर चीन की पुरानी तस्‍वीर वायरल