हल्दीराम की बिक्री की चर्चा फिर तेज,1937 में ऐसे शुरू हुआ था सफर
पीई फर्म से जुड़े सूत्रों का कहना है कि ब्लैकस्टोन व बेन कैपिटल जैसे फर्म ने कंपनी का लगभग 70000 करोड़ रुपए का मूल्य लगाया है। लेकिन अग्रवाल परिवार इस मूल्यांकन से खुश नहीं है। हल्दीराम को बेचने की खबर पिछले साल सितंबर से चल रही है। तब टाटा कंज्यूमर की तरफ से हल्दीराम में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की बात सामने आई थी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत के मशहूर स्नैक्स ब्रांड हल्दीराम की बिक्री की चर्चा फिर से तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि परिवार की अब इस व्यापार में रुचि नहीं है। हालांकि कुछ स्त्रोतों से इसका खंडन भी किया जा रहा है लेकिन हल्दीराम की ओर से चुप्पी है।
वर्ष 1937 में राजस्थान के बीकानेर शहर से अपना सफर शुरू करने वाले भारत के सबसे मशहूर स्नैक्स ब्रांड हल्दीराम को ब्लैक स्टोन, अबूधाबी इंवेस्टमेंट अथॉरिटी व सिंगापुर सोवरेन वेल्थ फंड जैसी प्राइवेट इक्विटी फर्म खरीदने के लिए बोली लगा रही है।
पीई फर्म से जुड़े सूत्रों का कहना है कि ब्लैकस्टोन व बेन कैपिटल जैसे फर्म ने कंपनी का लगभग 70,000 करोड़ रुपए का मूल्य लगाया है। लेकिन अग्रवाल परिवार इस मूल्यांकन से खुश नहीं है। हल्दीराम को बेचने की खबर पिछले साल सितंबर से चल रही है। तब टाटा कंज्यूमर की तरफ से हल्दीराम में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की बात सामने आई थी। कंपनी के स्वामित्व वाले परिवार ने कंपनी की कीमत 83,000 करोड़ रुपए लगाई थी, लेकिन तब बात नहीं बन पाई।
हल्दीराम का कारोबार बढ़ने के साथ ही इसके तीन धड़े हो गए जो नई दिल्ली, नागपुर, कोलकाता से संचालित होते है। नई दिल्ली एवं नागपुर वाले धड़े ने अपने व्यापार को विलय करने का फैसला किया है, लेकिन कोलकाता यूनिट एकीकृत यूनिट में शामिल नहीं है। सूत्रों का कहना है कि कोई भी लेनदेन नागपुर व नई दिल्ली यूनिट के बीच चल रहे सफल विलय पर निर्भर करता है।हल्दीराम परिवार के लेनदेन में हल्दीराम स्नैक्स और हल्दीराम फूड इंटरनेशनल के एफएमसीजी कारोबार को मिलाकर हल्दीराम फूड्स नामक नई कंपनी बनाई गई है। वित्त वर्ष 2023 में हल्दीराम का राजस्व 6,377 करोड़ रुपए का था। दुनिया के 80 देशों में हल्दीराम के फूड आइटम बेचे जाते हैं। भारत के नमकीन बाजार में हल्दीराम की हिस्सेदारी 36 प्रतिशत बताई जाती है।