Dollar vs Rupee: रुपये की दमदार वापसी, डॉलर के मुकाबले 6 पैसे हुआ मजबूत
भारतीय रुपया गुरुवार को डॉलर के मुकाबले 8 पैसे कमजोर हुआ था। इसने 84.5 पैसे का अपना ऑल टाइम लो-लेवल बना लिया था। हालांकि शुक्रवार को रुपये ने शानदार वापसी की। यह 6 पैसे मजबूत होकर 84.44 प्रति डॉलर के स्तर पर आ गया। रुपया और भी मजबूत हो सकता था लेकिन विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रहने से समस्या हुई।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। रुपया अपने सर्वकालिक निम्नतम स्तर से उबरकर शुक्रवार को 6 पैसे बढ़कर 84.44 प्रति डॉलर (अनंतिम) पर बंद हुआ। इसकी बड़ी वजह घरेलू शेयर बाजार में जोरदार तेजी रही। फॉरेन करेंसी ट्रेडर्स ने कहा कि रुपया सीमित दायरे में कारोबार कर रहा है, क्योंकि विदेशी बाजार में अमेरिकी डॉलर मजबूत हुआ है और ब्रेंट ऑयल में तेजी जारी है। साथ ही, यूक्रेन और रूस के बीच लड़ाई पर भी निवेशकों की करीबी नजर है।
वहीं, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शेयरों बेचने के तरीके को जारी रखा है और डॉलर को अच्छी बोली में रखा है। नहीं तो रुपये में और भी ज्यादा मजबूती देखने को मिल सकती थी। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 84.48 पर खुला और डॉलर के मुकाबले 84.50 के इंट्राडे निम्नतम स्तर को छू गया। गुरुवार को रुपया 8 पैसे गिरकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 84.50 के सर्वकालिक निम्न स्तर पर बंद हुआ।
रुपये पर बना रह सकता है दबाव
शेयरखान बाय बीएनपी परिबास के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट, फंडामेंटल करेंसीज एंड कमोडिटीज प्रवीण सिंह ने कहा, "भू-राजनीतिक तनाव, पोर्टफोलियो से निकासी और अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में तेजी के कारण घरेलू मुद्रा पर दबाव बना रह सकता है। हालांकि आरबीआई के हस्तक्षेप से इसमें धीरे-धीरे और व्यवस्थित गिरावट आ रही है।"सिंह ने कहा, "यूएसडी/आईएनआर की जोड़ी के अंततः 85 रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है और समर्थन 84.25 रुपये पर है।" इस बीच, छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर इंडेक्स 0.50 प्रतिशत बढ़कर 107.50 पर कारोबार कर रहा था।
वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.31 प्रतिशत बढ़कर 74.46 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। घरेलू इक्विटी बाजार में, 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 1,961.32 अंक या 2.54 प्रतिशत उछलकर 79,117.11 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 557.35 अंक या 2.39 प्रतिशत बढ़कर 23,907.25 अंक पर बंद हुआ। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) गुरुवार को पूंजी बाजार में शुद्ध विक्रेता थे, क्योंकि उन्होंने 5,320.68 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
रुपये में उतार-चढ़ाव की वजह
- विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली से रुपये पर दबाव बढ़ा।
- क्रूड की कीमतों में उतार-चढ़ाव ने भी रुपये की परेशानी बढ़ाई।
- रूस-यूक्रेन तनाव से सेफ करेंसी के तौर पर डॉलर मजबूत हुआ।
- वैश्विक अस्थिरता बढ़ने से भी रुपया लगातार कमजोर हो रहा है।
- खाद्य वस्तुओं की महंगाई ने रुपये पर अतिरिक्त दबाव डाला है।