International फ्लाइट से भी महंगी घरेलू उड़ानें? सरकारी दखल के बाद हवाई किराये में 61 प्रतिशत की कमी
नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि कंपनियों के पास हवाई किराये का निर्धारण करने का अधिकार है लेकिन किराया बढ़ाने की एक सीमा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मंत्रालय की भूमिका सुविधाप्रदाता की है न कि नियामक की।
By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Thu, 08 Jun 2023 06:52 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन: नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि छह जून को एयरलाइंस के सलाहकार समूह के साथ हुई बैठक बाद दिल्ली से कुछ मार्गों के किराये में 14 से 61 प्रतिशत तक की कमी आई है।
एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए सिंधिया ने कहा कि
कंपनियों के पास हवाई किराये का निर्धारण करने का अधिकार है। विमानन उद्योग टिकटों का मूल्य निर्धारण करने के लिए एल्गोरिदम का प्रयोग करता है। देश में विमानन बाजार मौसम आधारित है और दरें भी उसी के अनुसार तय की जाती हैं।
जिम्मेदारी समझें एयरलाइन कंपनियां
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यदि क्षमता कम है और मांग अधिक है और इनपुट लागत को कम नहीं किया जा सकता है तो दरें कम नहीं होंगी। निजी एयरलाइन कंपनियों की भी अपनी सामाजिक जिम्मेदारी होती है और सभी क्षेत्रों में किराया बढ़ाने की एक सीमा होनी चाहिए।उन्होंने उड्डयन मंत्रालय की भूमिका को स्पष्ट करते हुए कहा कि मंत्रालय की भूमिका एक सुविधा प्रदाता की है, न कि नियामक की।
दुबई से भी महंगा हुआ दिल्ली-मुंबई का किराया
भारत में प्लेन से सफर करने वाली की संख्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। सामान्य तौर पर हम सबको यही लगता है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के मुकाबले घरेलू उड़ानें सस्ती होती है, लेकिन ये पूरी तरह सच नहीं है।दरअसल, देश की राजधानी दिल्ली से आर्थिक राजधानी मुंबई तक का हवाई सफर का किराया दुबई के किराए से भी मंहगा हो गया है। नए रेट के मुताबिक, दिल्ली से मुंबई के बीच राउंड ट्रिप का किराया दुबई के टिकट से भी ज्यादा महंगा हो गया था।