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Donald Trump Vs Kamala Harris: किसकी जीत से भारतीय शेयर बाजार और अर्थव्यवस्था को होगा फायदा?

US Elections 2024 भारत और अमेरिका के बीच काफी पुराने व्यापारिक संबंध हैं। अमेरिका लंबे समय से भारत का सबसे प्रमुख ट्रेड पार्टनर है। भारत की कई बड़ी आईटी फार्मा और एग्रो-केमिकल कंपनियों के लिए अमेरिका सबसे बड़ा बाजार है। यही वजह है कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव पर भारत की करीबी नजर है। आइए जानते हैं कि ट्रंप और हैरिस में से किसकी नीतियां भारत के लिए फायदेमंद होंगी।

By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Updated: Tue, 05 Nov 2024 03:06 PM (IST)
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व्यापार नीति के मामले में कमला हैरिस का नजरिया उदारवादी है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस (Kamala Harris) और डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। दोनों ही नेताओं की नीतियों में जमीन-आसमान का फर्क है। खासकर, व्यापार, रक्षा और फार्मा सेक्टर की नीतियों में। इनका सीधा भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। साथ ही, दोनों नेताओं का प्रवासियों को लेकर नजरिया भी काफी अलग है।

आइए जानते हैं कि भारत को लेकर हैरिस और ट्रंप की आर्थिक नीतियों में क्या फर्क है और किसके जीतने की सूरत में भारतीय शेयर बाजार और अर्थव्यवस्था को अधिक फायदा होगा।

शेयर मार्केट पर कैसा होगा असर?

अमेरिका जाहिर तौर पर भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक सहयोगी है। भारत की आईटी, फार्मा, कंपनियों के लिए अमेरिका सबसे बड़ा बाजार है। ऐसे में अमेरिकी नीतियों का भारतीय बाजार पर असर पड़ना लाजिमी है। यही वजह है कि भारतीय निवेशक चुनावी नतीजों से पहले काफी सतर्क रुख अपना रहे हैं।

अगर ऐतिहासिक रूप से देखें, तो डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के मुकाबले कमला हैरिस की डेमोक्रैटिक पार्टी का सत्ता में रहना भारतीय शेयर बाजार के लिए अधिक फायदेमंद रहा है। 2005 से अब तक के आंकड़े देखें, तो निफ्टी ने डेमोक्रैटिक पार्टी के राष्ट्रपतियों के कार्यकाल में ज्यादा बेहतर रिटर्न दिया है।

राष्ट्रपति  पार्टी कार्यकाल  निफ्टी रिटर्न
जो बाइडेन डेमोक्रैटिक पार्टी 2021 से अब तक 75 फीसदी
डोनाल्ड ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी 2017-2021 38 फीसदी
बराक ओबामा (Term II) डेमोक्रैटिक पार्टी 2013-2017 117 फीसदी
बराक ओबामा (Term I) डेमोक्रैटिक पार्टी 2009-2013 45 फीसदी
जॉर्ज बुश रिपब्लिकन पार्टी 2005-2009 45 फीसदी

प्रवासियों को लेकर नजरिया

सत्तारूढ़ डेमोक्रैटिक पार्टी (Democratic Party) की उम्मीदवार कमला हैरिस का प्रवासियों को लेकर काफी संतुलित नजरिया है। वह बिना दस्तावेज वाले शरणार्थियों, खासकर बच्चों को अमेरिकी नागरिकता देने की वकालत करती हैं। कुशल श्रमिक वीजा जैसे कि H-1B का विस्तार के भी हक में हैं। वहीं, ट्रंप सख्त सीमा नियंत्रण के पक्षधर हैं।

इस मामले में कमला हैरिस का रुख भारतीयों के लिए ज्यादा फायदेमंद है। प्रवासियों को लेकर उदार नजरिए अमेरिका में रहने वाले भारतीय परिवारों को स्थिरता और सुरक्षा का माहौल मिल सकता है। वहीं, ट्रंप की सख्त नीतियां अकुशल श्रमिकों पर बुरा असर डाल सकती हैं। लेकिन, आईटी सर्विसेज पर इसका प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं है, जो भारत के लिए अच्छी बात है।

व्यापार नीति में भी बड़ा फर्क

व्यापार नीति के मामले में भी कमला हैरिस का नजरिया उदारवादी है। वह बहु-पक्षीय व्यापार समझौतों और क्षेत्रीय सहयोग (जैसे, इंडो-पैसिफिक आर्थिक ढांचा) पर जोर देती हैं। लेकिन, ट्रंप की नीति घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने का है। वह विदेशी आयात पर भारी शुल्क लगाने के पक्षधर हैं। उनकी अगुआई में अमेरिका की चीन से ट्रेड वॉर शुरू हुई थी।

इस लिहाज से अगर कमला हैरिस जीतती हैं, तो भारत और अमेरिका के मौजूदा व्यापारिक संबंधों को कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है। लेकिन, ट्रंप की नीतियां वैश्विक व्यापार में उथल-पुथल मचा सकती हैं, जो पहले ही अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है। हालांकि, इससे भारतीय कंपनियों के सामने यह भी मौका रहेगा कि वह अमेरिका में चीनी कंपनियों की जगह हथिया सकें।

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