Covid-19 के कारण खाड़ी देशों से भारत भेजे जाने वाले धन में आई कमी, RBI के सर्वे में हुआ खुलासा
Covid-19 का असर विदेशों से भेजे जाने वाली राशि पर भी पड़ा है। भारतीय रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार खाड़ी देशों से भेजे जाने वाले धन की हिस्सेदारी घटकर 30 प्रतिशत रह गई है जो पिछले सर्वे में 50 प्रतिशत थी।
By Manish MishraEdited By: Updated: Mon, 18 Jul 2022 08:36 AM (IST)
मुंबई, एजेंसियां। कोरोना महामारी के चलते वित्त वर्ष 2020-21 में खाड़ी देशों से भारत भेजे जाने वाले धन (Remittance) की हिस्सेदारी तेजी से कम हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा गया है कि अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर से भारत भेजे जाने वाले धन में वृद्धि हुई है। 2020-21 में देश में आए कुल धन में इनकी हिस्सेदारी 36 प्रतिशत है। केंद्रीय बैंक ने वर्ष 2020-21 के लिए विदेश से भारत भेजे जाने वाले धन पर सर्वे के पांचवें दौर का आयोजन किया। इसमें धन भेजे जाने में योगदान देने वाले कारणों का विश्लेषण किया गया और यह समझने का प्रयास किया गया कि महामारी ने भारत भेजे जाने वाले धन की गति को किस प्रकार प्रभावित किया है।
RBI के आर्थिक एवं नीति अनुसंधान विभाग के अधिकारियों द्वारा तैयार लेख में कहा गया है, 'खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) द्वारा भारत भेजे जाने वाले धन की हिस्सेदारी पिछली सर्वेक्षण अवधि 2016-17 में 50 प्रतिशत से अधिक थी जो 2020-21 में घटकर लगभग 30 प्रतिशत होने का अनुमान है।' वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान खाड़ी देशों से धन भेजे जाने के मामले में गिरावट भारतीय प्रवासियों की ऐसे अनौपचारिक क्षेत्रों में बड़ी मौजूदगी को दर्शाती है जो महामारी के प्रकोप से सबसे अधिक प्रभावित था। ऐसे में इस अवधि में छोटे आकार के लेनदेन का अनुपात बढ़ गया।
अमेरिका में काम करने वाले प्रवासियों ने सबसे ज्यादा पैसा भारत भेजा और उसने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को पीछे छोड़ दिया। 2020-21 में कुल भेजे जाने वाले धन में उसकी हिस्सेदारी 23 प्रतिशत रही। खाड़ी देशों से सबसे ज्यादा पैसा तीन राज्यों केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में भेजा गया। 2020-21 में इन राज्यों की हिस्सेदारी आधी हो गई जो 2016-17 में केवल 25 प्रतिशत थी। केरल को पीछे छोड़ महाराष्ट्र सबसे अधिक धन प्राप्त करने वाला राज्य बन गया है। उधर, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से खाड़ी देशों में जाने वाले लोगों की संख्या हाल के वर्षों में बढ़ी है।