E-Commerce कंपनियों की मनमानी पर कसेगा शिकंजा, पुराने नियमों में बदलाव का रास्ता हुआ साफ
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्प लाइन पर आने वाली शिकायतों में लगातार वृद्धि हो रही है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने इन शिकायतों के समाधान के साथ कंपनियों पर अंकुश लगाने की तैयारी कर ली है। इन कंपनियों के लिए वर्ष 2000 में कुछ नियम बनाए गए थे।
By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Sun, 20 Nov 2022 08:06 PM (IST)
नई दिल्ली, सुरेंद्र प्रसाद सिंह। उपभोक्ताओं के साथ मनमानी और धांधली करने वाली ई-कामर्स कंपनियों पर सरकार शिकंजा कसेगी। इसके लिए दो दशक से भी अधिक पुराने नियमों में बदलाव का रास्ता साफ हो गया है। आन लाइन कारोबार करने वाली इन कंपनियों के खिलाफ शिकायतों में कई गुना की वृद्धि की गई है। अप्रैल से अक्टूबर के दौरान उपभोक्ता हितों से जुड़ी कुल शिकायतों में 54 फीसद की वृद्धि हुई है, जिसमें खुदरा दुकानों की शिकायतें भी तेजी से बढ़ रही हैं। लेकिन संख्या के हिसाब से ई-कामर्स कंपनियां टॉप पर हैं। इन सात महीनों में दो लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं।
शिकायतों में लगातार हो रही वृद्धि
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्प लाइन पर आने वाली शिकायतों में लगातार वृद्धि हो रही है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने इन शिकायतों के समाधान के साथ कंपनियों पर अंकुश लगाने की तैयारी कर ली है। इन कंपनियों के लिए वर्ष 2000 में कुछ नियम बनाए गए थे, जो अब पुराने पड़ चुके है, जिसका लाभ उठाकर ई-कामर्स कंपनियां उपभोक्ताओं के साथ धांधली करने से बाज नहीं आ रही हैं।
ई-कामर्स कंपनियों के पुराने पड़ चुके बायलॉज को दुरुस्त करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने संशोधित बायलॉज का प्रारुप तैयार कर मंत्रालय को सौंप दिया है। लेकिन उसे अभी तक लागू नहीं किया गया है। मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक उपभोक्ताओं की ओर से निरंतर शिकायतें दर्ज कराई जा रही हैं। चालू वित्त वर्ष 2022-23 में अप्रैल से अक्टूबर के दौरान पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले कुल 54 फीसद अधिक शिकायतें आई हैं।
जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में मात्र 4.8 फीसद शिकायतें दर्ज हुई थीं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक खुदरा दुकानों की सेवाओं में भी गिरावट आने लगी है। वैसे तो संख्या के हिसाब से भले ही केवल 15,563 शिकायतें आई हों लेकिन यह पिछले साल के मुकाबले 176 फीसद अधिक है। लेकिन हैरान करने वाला तथ्य ह है कि जिस टेलीकाम और इंटरनेट पर यह कारोबार होता है, उसकी शिकायतों में मात्र तीन फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है।
सर्वाधिक शिकायतों वाले ई-कामर्स की हुई हैं, जिसकी संख्या 2,11,562 शिकायतें दर्ज की गई हैं। आन लाइन घर वैठे वस्तुओं की खरीद फरोख्त करने की आदतें बढ़ी हैं तो लोगों के साथ ठगी और धांधली भी खूब हो रही है। इनमें छोटी कंपनियों के बजाय बड़ी और नामी गिरामी कंपनियों की शिकायतें ज्यादा आ रही है। इन कंपनियों को लगातार नोटिस और चेतावनी देने का भी कोई बहुत लाभ नहीं हो रहा है।
दरअसल बड़ी कंपनियां अपने आन लाइन प्लेटफार्म पर एकाधिकार का लाभ उठाते हुए धांधली कर कुछ चुनिंदा उत्पादों अथवा अपने खुद के उत्पादों को बेचने लगी हैं। इस तरह की शिकायतों की भरमार लग रही है।Video: Trade Fair 2022: ट्रेड फेयर में इस साल क्या है नया? Know, Ticket Price and Timings
हाल ही में प्रतिस्पर्धा आयोग ने मेक माई ट्रिप पर सख्ती बरतते हुए भारी जुर्माना ठोंका है। रिटेल आउटलेट्स की शिकायतें 15,563 के साथ 176 फीसद की वृद्धि, ई-कामर्स की 2,22562 शिकायतें (81 फीसद की वृद्धि), कंज्यूमर ड्यूरेबल 24964 (55 फीसद), डिजिटल पेमेंट्स 15414 (52 फीसद), इलेक्ट्रानिक्स प्रॉडक्ट्स 30,733 (33 फीसद) , बैंकिंग 32121 (17 फीसद), एनबीएफसी 10,463 (17 फीसद), एजेंसी सर्विसेज 11466 (27 फीसद) व टेलीकाम एंड इंटरनेट 2753 (तीन फीसद) लीगल शिकायतें 10,794 (14 फीसद) हैं।
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