संयुक्त अधिवेशन से बढ़ेगी आर्थिक सुधार की गाड़ी
पिछले शीतकालीन सत्र में अपने अडि़यल रवैये से सरकार को रोकने में सफल रहे विपक्ष को राजग सरकार ने अपनी शक्ति दिखाने का मन बना लिया है। एक के बाद एक अध्यादेश इसके संकेत हैं। संदेश यह है कि एक तरफ जहां सरकार अपने आर्थिक सुधारों का एजेंडा नहीं थमने
By Manoj YadavEdited By: Updated: Tue, 30 Dec 2014 12:21 AM (IST)
नई दिल्ली [जयप्रकाश रंजन]। पिछले शीतकालीन सत्र में अपने अडि़यल रवैये से सरकार को रोकने में सफल रहे विपक्ष को राजग सरकार ने अपनी शक्ति दिखाने का मन बना लिया है। एक के बाद एक अध्यादेश इसके संकेत हैं। संदेश यह है कि एक तरफ जहां सरकार अपने आर्थिक सुधारों का एजेंडा नहीं थमने देगी वहीं जरूरत हुई तो संयुक्त सदन में बहुमत का भी बल दिखाएगी। पिछले एक हफ्ते में आर्थिक सुधारों से जुड़े तीन अहम अध्यादेश लाने का फैसला ले चुकी सरकार अब संयुक्त अधिवेशन के जरिये इन पर संसद की मुहर लगाने की तैयारी कर रही है।
सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों को मनाकर अध्यादेशों को सदन में पारित करवाने की एक और कोशिश की जाएगी। अगर तब भी ये नहीं मानते हैं तो बजट सत्र के तुरंत बाद संसद का संयुक्त अधिवेशन बुलाया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक विपक्षी दलों के रवैये की वजह से ही अध्यादेश के जरिये ही कई कानूनों में बदलाव किया जा रहा है।निवेशकों को देंगे जानकारी सरकार ने यह भी फैसला किया है कि आर्थिक सुधारों की गति तेज करने के लिए अध्यादेश लाने की जरूरत के बारे में निवेशक समुदाय को भी विस्तार से बताया जाएगा। खास तौर पर विदेशी बीमा कंपनियों को अध्यादेश के जरिये बीमा कानून में संशोधन के बारे में बताया जाएगा, ताकि किसी प्रकार का संशय नहीं रहे।
सूत्रों के मुताबकि अध्यादेश जारी होने के बाद अगर कोई विदेशी बीमा कंपनी अपनी निवेश की सीमा 26 फीसद से बढ़ाकर 49 फीसद करती है, तो यह फैसला तब भी लागू रहेगा, अगर बाद में सदन में अध्यादेश के मुताबिक निवेश सीमा बढ़ाने की इजाजत नहीं मिलती है। इसके अलावा सरकार भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन को लेकर भी देशी व विदेशी निवेशकों के बीच प्रचारित करेगी।पढ़ेंः स्मार्ट शहर के मानक तय करें अधिकारीः पीएम