Economic Survey 2024: F&O ट्रेडिंग पर आर्थिक सर्वे ने जताई चिंता, क्या बजट में होगा टैक्स बढ़ाने का एलान?
इकोनॉमिक सर्वे ने फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग में खुदरा निवेशकों के बढ़ते पार्टिसिपेशन पर चिंता जताई है। सर्वे के मुताबिक इस तरह स्पेकुलेटिव ट्रेडिंग की भारत जैसे विकासशील देश में कोई जगह नहीं। इसमें आगाह किया गया है कि शेयर बाजारों में किसी भी संभावित गिरावट से निवेशक ठगा हुआ महसूस कर सकते हैं। फिर हो सकता है कि वे लंबे समय तक शेयर बाजार में न लौटे।
पीटीआई, नई दिल्ली। आर्थिक सर्वे में शेयर बाजार में खुदरा निवेशकों की भागीदारी में हुई उल्लेखनीय वृद्धि के प्रति चिंता जाहिर की गई। सर्वे में कहा गया है कि बाजार की स्थितियों को जांचें-परखें बिना ऊंचे रिटर्न की उम्मीद करना चिंता का विषय है। हालांकि इसी के साथ सर्वे में यह भी कहा गया है कि खुदरा निवेशकों की बढ़ी हुई हिस्सेदारी पूंजी बाजार को स्थिरता प्रदान करती है।
पिछले कुछ सालों के दौरान अपने खुदरा निवेशकों ने अपने खाते से पूंजी बाजार में सीधी खरीदारी की या म्यूचुअल फंड के माध्यम से बड़ी मात्रा में परोक्ष खरीदारी की है। आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 के अनुसार, 'इक्विटी कैश सेगमेंट टर्नओवर में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी 2023-24 (वित्त वर्ष 24) में 35.9 प्रतिशत थी। दोनों डिपॉजिटरी (एनएसई और बीएसई) के पास डीमैट खातों की संख्या वित्त वर्ष 2022-23 में 11.45 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 15.14 करोड़ हो गई।
20 फीसदी परिवार की घरेलू बचत शेयर बाजार में
बाजार में निवेशकों की इस आमद का असर एक्सचेंजों के साथ नए निवेशक पंजीकरण, कुल कारोबार मूल्य में उनकी हिस्सेदारी, शुद्ध निवेश में भी दिखाई देता है। उदाहरण के लिए, एनएसई में पंजीकृत निवेशकों की संख्या मार्च 2020 से लगभग तीन गुना बढ़कर 31 मार्च, 2024 तक 9.2 करोड़ हो गई है। इसका सीधी मतलब यह है कि अब 20 प्रतिशत भारतीय परिवार अपनी घरेलू बचत को वित्तीय बाजार में लगा रहे हैं।
शेयर बाजार में खुदरा निवेशकों की होने वाली वृद्धि पर सावधानीपूर्वक विचार करने की जरूरत है। यह महत्वपूर्ण मुद्दा है, क्योंकि अति आत्मविश्वास के चलते अधिक रिटर्न की उम्मीद करना बाजार परिस्थितियों के अनुरूप नहीं हो सकती है। यह एक गंभीर चिंता का विषय है।
निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्त मंत्रीडेरिवेटिव के खिलाफ लोगों को जागरूक करें डेरिवेटिव बाजार में खुदरा निवेशकों की रुचि को देखते हुए सर्वे में कहा गया है, ''डेरिवेटिव हे¨जग इंस्ट्रूमेंट है। इसका उपयोग दुनियाभर के निवेशकों द्वारा सट्टा इंस्ट्रूमेंट के रूप में किया जाता है। भारत संभवत: इसका अपवाद नहीं है।' सर्वेक्षण में कहा गया है, ''डेरिवेटिव ट्रे¨डग में बहुत अधिक लाभ की संभावना है। इस तरह यह लोगों को जुआ खेलने की प्रवृत्ति की ओर उकसाता है।'' सर्वे में डेरिवेटिव के खिलाफ लोगों को जागरूक करने का आह्वान किया गया है।