Budget 2024: आज पेश होगा आर्थिक सर्वेक्षण, भावी एजेंडे की मिलेगी झलक
इस बार आर्थिक सर्वेक्षण का उद्योग जगत और सरकार की नीतियों पर नजर रखने वाली एजेंसियां खास तौर पर इंतजार कर रही हैं। वजह यह बताया जा रहा है कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की भावी आर्थिक रोडमैप का इसमें आकलन होगा। आर्थिक सर्वेक्षण में जो बातें सरकार ने सांकेतिक तौर पर कही है वह आगे चलकर बड़ी नीतियों का आकार लेती हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र की शुरुआत के साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार (22 जुलाई, 2024) को आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी। वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग की तरफ से तैयार किया जाना वाला यह प्रपत्र दो भागों में होता है जिसे मोटे तौर पर सरकार की आर्थिक सोच और भावी प्रोग्रामों के झलक के तौर पर देखा जाता है।
मंगलवार को पेश होने वाले आम बजट 2024-25 की तरह इस बार आर्थिक सर्वेक्षण का भी उद्योग जगत और सरकार की नीतियों पर नजर रखने वाली एजेंसियां खास तौर पर इंतजार कर रही हैं। वजह यह बताया जा रहा है कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की भावी आर्थिक रोडमैप का इसमें आकलन होगा। साथ ही रोजगार, किसानों की स्थिति, ग्रामीण विकास, विश्वस्तरीय ढांचागत सुविधाओं के निर्माण जैसे राजनीतिक बहस को लेकर सरकार की दीर्घकालिक सोच भी इसमें दिखाई दे सकती है।
पूर्व में देखा गया है कि आर्थिक सर्वेक्षण में जो बातें सरकार ने सांकेतिक तौर पर कही है वह आगे चल कर बड़ी नीतियों का आकार लेती हैं। मसलन, बैंक खाते, आधार और मोबाइल नंबर को मिला कर देश की जनता को सीधे तौर पर सरकारी योजनाओं का लाभ देने की बात सबसे पहले आर्थिक सर्वेक्षण में ही मिला था। इसी तरह से दूसरे देशों के साथ होने वाले मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) का फायदा देश को नहीं होने और निर्यात बढ़ाने के लिए नये सिरे से एफटीए करने की नीति का सुझाव भी सबसे पहले इसी प्रपत्र से मिला था।
आर्थिक सर्वेक्षण में देश की मौजूदा समाजिक व आर्थिक हालात से जुड़े कई महत्वपूर्ण आंकड़ें भी सरकार जारी करती है। माना जा रहा है कि हाल के वर्षों में जिस तरह से विभिन्न राजनीतिक दलों की तरफ से मुफ्त रेवडि़यां बांटने की घोषणाएं हुई हैं, उसको लेकर भी सरकार अपनी सोच का संकेत सर्वेक्षण के जरिए देगी।ये भी पढ़ें- आर्थिक सर्वे में क्या होता है खास, क्यों है इसे बजट से एक दिन पहले पेश करने की परंपरा?