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अर्थशास्त्रियों को भरोसा, कमजोर वैश्विक अर्थव्यवस्था के बीच भारत करेगा वृद्धि: WEF स्टडी

WEF की एक स्टडी के मुताबिक अधिकांश अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि राजनीतिक और वित्तीय अस्थिरता के कारण अगले साल वैश्विक अर्थव्यवस्था कमजोर होगी। हालांकि 90 प्रतिशत से अधिक अर्थशास्त्री विशेष रूप से दक्षिण एशिया और विशेष रूप से भारत में मध्यम या मजबूत विकास के प्रति आश्वस्त हैं। आपको बता दें कि वित्तीय अस्थिरता से दुनिया जूझ रही है। पढ़िए क्या है पूरी खबर।

By Jagran NewsEdited By: Gaurav KumarUpdated: Fri, 15 Sep 2023 08:05 PM (IST)
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दुनिया राजनीतिक और वित्तीय अस्थिरता से जूझ रही है।

नई दिल्ली, जेएनएन: अधिकतर अर्थशास्त्रियों को राजनीतिक और वित्तीय अस्थिरता के बीच आने वाले वर्ष में वैश्विक अर्थव्यवस्था के कमजोर होने की आशंका है। हालांकि 90 प्रतिशत से अधिक अर्थशास्त्री खासकर दक्षिण एशिया खासकर भारत में मध्यम या मजबूत वृद्धि को लेकर आश्वस्त हैं।

विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की नवीनतम 'चीफ इकोनमिस्ट आउटलुक' रिपोर्ट के अनुसार, रियल एस्टेट बाजार में मुद्रास्फीति कम होने और नरम रुख के संकेतों से चीन को लेकर संभावनाएं कम हुई हैं।

वित्तीय अस्थिरता से जूझ रही है दुनिया

दुनिया राजनीतिक और वित्तीय अस्थिरता से जूझ रही है। करीब 10 में से 6 का मानना है कि वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को पूरा करने की दिशा में प्रगति को कमजोर कर देगा, जबकि 74 प्रतिशत का कहना है कि भू-राजनीतिक तनाव का भी यही असर होगा।

डब्ल्यूईएफ की प्रबंध निदेशक सादिया जाहिदी ने कहा, 'मुख्य अर्थशास्त्रियों की नवीनतम राय वैश्विक अर्थव्यवस्था में लगातार कमजोरी की ओर इशारा करती है।'

उन्होंने कहा कि यह विकासशील देशों के सामने आने वाली तत्काल चुनौतियां सीमा पार निवेश तथा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है।

भारत से उम्मीद

वहीं डब्ल्यूईएफ के अनुसार, '90 प्रतिशत से अधिक लोगों को इस वर्ष दक्षिण एशिया खासकर भारत में मध्यम या मजबूत वृद्धि की उम्मीद है। क्षेत्र में मजबूत वृद्धि की उम्मीद करने वालों की हिस्सेदारी पिछले सर्वेक्षण में 36 प्रतिशत थी, जो अब बढ़कर 52 प्रतिशत हो गई।'

अमेरिका में मई के बाद से स्थिति मजबूत हुई है, 10 में से 8 उत्तरदाताओं को अब 2023 और 2024 दोनों में मध्यम या मजबूत वृद्धि की उम्मीद है।