Move to Jagran APP

राज्यों की इकोनॉमी में भारी सुधार की उम्मीद, जीएसटी संग्रह बढ़ने से सुधरी हालत

राज्यों की इकोनॉमी में बड़े सुधार के संकेत मिलने लगे हैं। निर्यात में बढ़ती तेजी और घरेलू मांग में सुधार के दम पर कई बड़े राज्यों की इकोनॉमी ने पिछले छह महीनों में दौरान पिछले वर्ष के कोरोना काल की चोट का दर्द काफी हद तक कम कर दिया है।

By Ankit KumarEdited By: Updated: Sun, 03 Oct 2021 08:45 AM (IST)
Hero Image
जीएसटी संग्रह बढ़ने का प्रभाव भी साफ दिख रहा है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। राज्यों की इकोनॉमी में बड़े सुधार के संकेत मिलने लगे हैं। निर्यात में बढ़ती तेजी, घरेलू मांग में सुधार और तेज टीकाकरण के दम पर कई बड़े राज्यों की इकोनॉमी ने पिछले छह महीनों में दौरान पिछले वर्ष के कोरोना काल की चोट का दर्द काफी हद तक कम कर दिया है। जीएसटी संग्रह बढ़ने का प्रभाव भी साफ दिख रहा है। वित्त मंत्रालय का आकलन है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही यानी अक्टूबर, 2021-मार्च, 2022 में गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलगांना, उत्तर प्रदेश और बंगाल जैसे राज्यों की आर्थिक विकास दर पहली छमाही यानी अप्रैल-सितंबर, 2021 के मुकाबले बेहतर होगी। केंद्र सरकार का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद कई राज्यों ने स्थाई व लंबी अवधि तक तेज विकास दर प्राप्त करने की जमीन तैयार कर दी है।

राज्यों की इकोनॉमी पर पिछले दिनों नीति आयोग और वित्त मंत्रालय के बीच एक बैठक में अलग-अलग राज्यों की समग्र आर्थिक प्रगति पर विचार किया गया। इसका मकसद कोरोना की दूसरी लहर के बाद राज्यों की आर्थिक स्थिति में हो रहे सुधार की समीक्षा करने के साथ ही इसमें और सुधार के लिए मदद पहुंचाना रहा है। यह बैठक वित्त मंत्रालय की तरफ से राज्यों को दिए जाने वाले अनुदान को लेकर भी दिशा तय करेगी। बैठक में यह सहमति थी कि राज्यों की इकोनॉमी कोविड की चोट से लगभग संभल चुकी है। राज्यों के राजस्व में अगले छह महीनों में सबसे तेज वृद्धि की संभावना भी बन रही है। उल्लेखनीय है कि सितंबर की शुरुआत में आरबीआइ की तरफ से जारी एक रिपोर्ट ने कोरोना काल (वर्ष 2020-21) में राज्यों की इकोनॉमी की जो तस्वीर दिखाई थी, वह उत्साहजनक नहीं थी।

राज्यों के कुल राजस्व संग्रह में जीएसटी से हासिल रकम की हिस्सेदारी लगभग पांचवीं होती है। पिछले छह महीनों में सिर्फ एक महीना (जून, 2021) को छोड़कर जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की रही है। सितंबर, 2021 में जीएसटी संग्रह 1.17 लाख करोड़ रुपये का रहा है। जीएसटी संग्रह बढ़ने की वजह केंद्र सरकार भी इन्हें जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि समय पर हस्तांतरित करने लगी है। इससे राज्यों का राजस्व बेहतर होने लगा है। इसके अलावा राज्यों की माली हालत को बेहतर करने में पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री भी अहम भूमिका निभा रही है।

असल में पिछले साल राज्यों की तरफ से पेट्रोल व डीजल पर स्थानीय शुल्क में जो 10-15 फीसद की वृद्दि की गई थी, उसका फायदा चालू वित्त वर्ष में दिखाई देगा। पेट्रोल की बिक्री कोरोना काल के पहले की स्थिति में पहुंच चुकी है। पिछले वर्ष राज्यों ने पेट्रोलियम उत्पादों से 2.03 लाख करोड़ रुपये का बिक्री कर वसूला था जो इस वर्ष करीब 30 फीसद ज्यादा रह सकता है।