सावधान! खाने के तेल की कीमतों से जुड़ी 'बुरी खबर', इस कारण से स्टॉक करके रखने लगे लोग
यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के कारण वहां से भारत में आयात किए जाने वाले सूरजमुखी तेल की कमी होने लगी है इस कारण से देश में खाद्य तेल की कीमतें बढ़ रही हैं। लोगों ने इन्हें स्टॉक करना शुरू कर दिया है।
By Lakshya KumarEdited By: Updated: Tue, 15 Mar 2022 08:52 AM (IST)
पुणे, एएनआइ/रॉयटर्स। खाद्य तेल की कीमतें बढ़ रही हैं क्योंकि यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के कारण दोनों देशों से सूरजमुखी तेल का आयात बंद हो गया है। पूना मर्चेंट चैंबर के निदेशक कन्हैया लाल गुजराती ने एएनआई को बताया, "तेल की कीमतें लगभग 300 रुपये से 400 रुपये प्रति 15 किलो कंटेनर बढ़ गई हैं। बाजार में तेल की कमी है क्योंकि आयात पूरी तरह से बंद हो गया है।" गुजराती ने कहा, "दोनों देशों के बीच युद्ध शुरू होने से पहले सोयाबीन तेल 1950 रुपये के आसपास बेचा जाता था जो अब बढ़कर 2500 रुपये हो गया है, जबकि सूरजमुखी का तेल पहले 2,150 रुपये था जो अब 2,750 रुपये को पार कर गया है।"
एक अन्य व्यापारी ने कहा, "बाजार में तेल की कमी है और विशेष रूप से सूरजमुखी के तेल के भाव में करीब 600 रुपये प्रति 15 किलो की बढ़ोतरी हुई है, जिसका असर आम आदमी पर पड़ने वाला है।" भारत में सूरजमुखी का तेल मुख्य रूप से यूक्रेन और रूस से आयात किया जाता है। एक खुदरा विक्रेता ने एएनआई से बात करते हुए कहा, "जब तक युद्ध जारी है, तब तक तेल की कीमतें कम नहीं होंगी। लोगों ने खाद्य तेल का स्टॉक करना शुरू कर दिया है क्योंकि उन्हें डर है कि उन्हें भविष्य में पर्याप्त खाद्य तेल नहीं मिलेगा।"
इससे पहले समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने रिपोर्ट किया था कि खाद्य तेल की कमी की आशंकाओं के बीच लोगों ने इसे स्टॉक करना शुरू कर दिया है। मुंबई की एक गृहिणी ने कहा था कि उन्हें व्हाट्सएप पर मैसेज आया था कि युद्ध के कारण खाना पकाने के तेल की कमी होने की संभावना है, जिसे पढ़कर वह तेल खरीदने आईं। महिला ने अपनी सामान्य मासिक खरीद से दोगुना खाद्य तेल खरीदा था।
बता दें कि भारत अपनी खाद्य तेल की दो-तिहाई से अधिक मांग को आयात के जरिए पूरा करता है। भारत अपने सूरजमुखी के तेल का 90% से अधिक रूस और यूक्रेन से आयात करता है और कुल खाद्य तेल आयात में सूरजमुखी तेल आयात लगभग 14% होता है।